Headlines

जयपुर के महारानी कॉलेज कैंपस में तीन मजार, हिन्दू संगठनों ने शुरु किया विरोध प्रदर्शन

समृद्धि न्यूज। राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय के महारानी कॉलेज में मजार विवाद सामने आया है। केवल छात्राओं की उच्च शिक्षा के लिए बने इस कॉलेज परिसर में तीन मजारों के निर्माण के बाद मामला धार्मिक रंग ले चुका है। ये मजारें कॉलेज परिसर के भीतर पंप हाउस और पानी की टंकी के पास बनी हैं। इन मजारों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने अब इस मुद्दे पर बड़े प्रदर्शन का ऐलान भी कर दिया है।
जयपुर के टोंक रोड़ स्थित महारानी कॉलेज में मजारों के निर्माण का मामला सामने आने से बवाल मचा हुआ है। कई छात्र संगठन और हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन तक शुरू कर दिया है। कॉलेज परिसर में एक मजार पहले से ही मौजूद थी, लेकिन दो मजार कब और किसने बनाई इस बात का अभी तक पता नहीं चल पाया है, कॉलेज परिसर में चप्पेचप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसके बावजूद मजारों के निर्माण की भनक कॉलेज प्रशासन को कैसे नहीं हुई।
महारानी कॉलेज की प्राचार्य पायल लोढ़ा ने इस मामले में कहा कि ये मजार उनके ज्वाइन करने के पहले से ही है, लेकिन कब से है, इसका पता नहीं, इस मामले को कुलगुरु के संज्ञान में लाकर अपेक्षित प्रक्रिया अपनाई जाएगी। मामले ने जब तूल पकड़ा तो क्षेत्रीय थाना पुलिस मौके पर जांच करने पहुंची। उन्होंने महाविद्यालय में कार्यरत पुराने शिक्षकों, स्टाफ और अल्पसंख्यक स्टाफ के बयान लिए। हालांकि इस पूरे मामले पर अभी भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन धरोहर बचाओ समिति ने चेतावनी दी है कि यदि इन संरचनाओं को जल्द से जल्द हटाया नहीं गया, तो वे सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
महारानी कॉलेज के गार्ड वसीम खान ने बताया कि वह यहां बीते 18 साल से काम कर रहे हैं, वो खुद हर गुरुवार को यहां जियारत करने जाते हैं। उन्होंने बताया कि ये मजार पहले की है, उनके अलावा कुछ लोग यहां आकर के चादर चढ़ाते हैं, हालांकि उनकी एंट्री महारानी कॉलेज कैंपस से नहीं है। पीछे डिग्गी हाउस की तरफ एक छोटा गेट है, लोग वहां से आकर यहां जियारत करते हैं।
धरोहर बचाओ समिति के अध्यक्ष भरत शर्मा ने घोषणा की है कि समिति जल्द ही जयपुर कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और यूनिवर्सिटी की कुलपति से मिलकर ज्ञापन सौंपेगी। यदि समय रहते मजारों को नहीं हटाया गया, तो आम जनता के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उनका कहना है कि यह लड़ाई बेटियों की सुरक्षा और शैक्षणिक जमीन की पवित्रता की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *