हिमाचल में आफत: बादल फटने आवागमन बंद

समृद्धि न्यूज। पहाड़ी राज्यों पर लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से तबाही देखने को मिल रही है। दोनों ही राज्यों में बादल फटा, जिसके बाद कई लोगों की जान चली गई। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से कई जगह से भूस्खलन, सडक़ें ब्लॉक और इमारतें गिरने जैसी घटनाएं सामने आईं। मौसम विज्ञान विभाग ने फिर से मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। हिमाचल के शिमला, मनाली, कुल्लू, कुफरी, बिलासपुर, चंबा, धर्मशाला, हमीरपुर समेत कई जिलों में अगले दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल में जून में 135 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य औसत 101 मिमी से 34 प्रतिशत ज्यादा है। यह 1901 के बाद से राज्य में जून में दर्ज की गई 21वीं सबसे ज्यादा बारिश थी।कुदरत इन दिनों जमकर कहर बरपा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी राज्यों को झेलनी पड़ रही है। कहीं तेज बारिश को रही है तो कहीं बादल फट रहा है। हिमाचल प्रदेश मण्डी के करसोग में बादल फट गया। जिसके बाद वहां तबाही का मंजर है। बादल फटने की वजह से करसोग के पंजराट गांव और मेगली गांव में घरों और गाडिय़ों के बह गईं है। करसोग बाईपास सडक़ भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है।

मंडी में सबसे ज्यादा बारिश

पालमपुर, बैजनाथ, सुंदरनगर, मुरारी देवी, कांगड़ा, शिमला और इसके आसपास के क्षेत्र जुब्बड़हट्टी में गरज के साथ बारिश हुई। राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई। मंडी में रविवार शाम से अब तक सबसे ज़्यादा बारिश दर्ज की गई।

अलग-अलग जिलों की 285 सडक़ें बंद

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक हिमाचल में आसमान से आफत बनकर बरसी बारिश के बाद हुई तबाही के बाद से 285 सडक़ें बंद हैं, जिनमें मंडी की 129 और सिरमौर की 92 सडक़ें शामिल हैं। इसके साथ ही 614 ट्रांसफार्मर और 130 वॉटर सप्लाई स्कीम भी बाधित हुई हैं। प्रदेश में 20 जून को मानसून ने एंट्री की थी।

जून में सामान्य से अधिक बारिश

हालांकि मौसम विभाग ने भी इस बार पहले ही मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई है, लेकिन मानसून ने जून महीने में एंट्री होने के साथ तबाही मचानी शुरू कर दी। प्रदेश में भारी बारिश से पिछले 10 दिनों में 44 लोग अकाल ही मौत का ग्रास बन गए हैं। वहींए संपत्ति को अब तक 75.69 करोड़ का नुकसान हो चुका है। वहीं, जून महीने में इस बार सामान्य से 34 फीसदी अधिक बारिश हुई है। जो पिछले 12 सालों में सामान्य से सबसे अधिक बारिश होने का आंकड़ा है। इससे पहले जून 2013 में सामान्य से 143 फीसदी अधिक बारिश हुई थी।

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