समृद्धि न्यूज। ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने पेंटागन को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान चीन के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात से ठीक पहले आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने देश के डिपार्टमेंट ऑफ वॉर (पहले इसे डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के नाम से जाना था) को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है। ट्रंप का यह फैसला रूस और अन्य देशों की तरफ से हाल में किए गए परमाणु परीक्षणों के जवाब में आया है। रूस ने 28 अक्टूबर को पोसाइडॉन नामक समुद्री परमाणु ड्रोन का सफल परीक्षण किया।
ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा कि उनके पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में अमेरिका के सभी परमाणु हथियारों का पूरा अपडेट और नवीनीकरण किया गया था। उन्होंने लिखा, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास किसी भी देश से अधिक परमाणु हथियार हैं। यह उपलब्धि मेरे पहले कार्यकाल में हासिल की गई थी। हालांकि ट्रंप ने कहा कि उन्हें इन हथियारों की भारी विनाशकारी शक्ति के कारण परीक्षण करने से घृणा है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस परमाणु शक्ति के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है, जबकि चीन अभी काफी पीछे है। उन्होंने लिखा, रूस दूसरा है, और चीन दूर तीसरे स्थान पर है, लेकिन अगले पांच वर्षों में वह बराबरी पर आ जाएगा। कहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार अमेरिका के पास करीब 5,244 परमाणु हथियार हैं, जबकि रूस के पास 5,580 और चीन के पास मात्र 500,हालांकि ट्रंप का दावा है कि अमेरिका के पास रूस से ज्यादा हथियार हैं, ट्रंप का दावा सही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि चीन तेजी से अपनी क्षमता बढ़ा रहा है, जो 2030 तक 1,000 हथियारों तक पहुंच सकती है।
