केंद्रीय कैबिनेट के फैसले: नई खेल नीति-2025 को मंजूरी, एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इन्सेंटिव योजना को मंजूरी

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने देश में रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने 1.07 लाख करोड़ रुपये के एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इन्सेंटिव (ईएलआई) स्कीम को मंजूरी दे दी है। यह योजना खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस करेगी। सरकार का मानना है कि इन योजनाओं से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी और शोध को भी बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार ने नई खेल नीति-2025 को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (लागत 1.07 लाख करोड़ रुपये), रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (आरडीआई) योजना (लागत 1 लाख करोड़ रुपये), राष्ट्रीय खेल नीति 2025 और परमकुडी-रामनाथपुरम राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन का बनाने (लागत 1,853 करोड़ रुपये) को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नई खेल नीति से देश भर में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और खिलाडिय़ों के प्रदर्शन के विकास को दिशा मिलेगी। कैबिनेट ने रोजगार से जुड़ी जिस प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है, इसके जरिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस रहेगा। ये दो हिस्सों में होगा, ये योजना एंप्लॉयर्स को पहली बार काम पर रखने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए है।
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कंेद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बारे में जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। इस योजना का उद्देश्य दो वर्षों में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नए रोजगार के अवसर सृजित करना है। योजना के अंतर्गत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रत्येक नए कर्मचारी के लिए 3,000 प्रति माह तक की प्रोत्साहन राशि दो वर्षों तक दी जाएगी। यह प्रोत्साहन उन नियोक्ताओं को मिलेगा जो ऐसे कर्मचारियों को नियुक्त करेंगे जिनका वेतन 1 लाख रुपए प्रतिमाह तक है। निर्माण क्षेत्र के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी जारी रहेगा।

वैश्विक मंच पर बेहतरीन प्रदर्शन का लक्ष्य

इस पॉलिसी का पहला उद्देश्य जमीनी स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेल ढांचे को मजबूत करना है। इसमें प्रतिभाओं की पहचान, ट्रेनिंग, कोचिंग और एथलीट विकास पर जोर दिया गया है। खेल विज्ञान, चिकित्सा और तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही कोच, अधिकारी और अन्य स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

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