तिरुपति मंदिर में मची भगदड़, 6 की गई जान, TTD ने मांगी माफी

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात को भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में अभी तक 6 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इसी के बाद तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) (Tirumala Tirupati Devasthanams) ने बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, हम सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगते हैं. तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात एकादशी दर्शन के लिए भीड़ जुटी थी. जब भी श्रद्धालु मंदिर में जाते हैं तो सबकी तमन्ना दर्शन करने के लिए होती है, इसी के चलते मंदिर में दर्शन करने के लिए लोग लंबी कतार में टोकन लेने के लिए कतार में लगे थे.

तिरुपतिः आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार को भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टोकन वितरण के दौरान भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई। टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने कहा कि भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है और 40 तीर्थयात्री घायल हो गए हैं।  रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तिरुपति विष्णु निवासम में हुई, जहां टोकन बांटे जा रहे थे। 

कैसे मची भगदड़?

जानकारी के मुताबिक, टोकन लेने के लिए लगभग 4 हजार लोग लंबी कतार में लगे थे और महज 91 काउंटर टोकन देने के लिए लगाए थे. देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. इस भीड़ में महिलाएं, बुजुर्ग सभी शामिल थे. लोगों को पट्टीडा पार्क जाने के निर्देश दिए गए थे और पट्टीडा जाने में ही भगदड़ मची. लोग एक-दूसरे पर चढ़ गए और 6 लोगों की मौत हो गई.

सीएम ने दिए जांच के आदेश

वहीं, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति में हुई दुर्घटना में छह भक्तों की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को घटना की जांच करने और घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए कहा है। सीएम नायडू ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 10 जनवरी को शुभ वैकुंठ एकादशी के लिए टोकन वितरित करने के लिए अलीपिरी, श्रीनिवासपुरम और अन्य क्षेत्रों में नौ केंद्रों में 94 काउंटर खोले थे। सभी घायलों को रुइया अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

TTD ने मांगी माफी

इस हादसे के बाद टीटीडी बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, मंदिर में एकादशी दर्शन के लिए टोकन बांटे जा रहे थे, इस के लिए हम ने 91 काउंटर खोले थे. यह बहुत दुखद है की भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए हैं. हम सभी को मेडिकल फेसेलिटी दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा, आज तक टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है. मैं सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगता हूं.

टीटीडी के चेयरमेन बी.आर. नायडू ने कहा, भगदड़ भारी भीड़ इकट्ठी होने की वजह से मची. कल सीएम साहब सब कुछ बताएंगे, आज पूरी रिपोर्ट सामने आएगी. कुल 6 लोगों की इस हादसे में मौत हुई है, जिनमें से कुछ तमिलनाडु से हैं और कुछ आंध्र प्रदेश से हैं. फिलहाल, एक शव की पहचान हो चुकी है और 5 की पहचान होनी बाकी है. तिरुपति नगर आयुक्त, मौर्य ने भी कहा, “एमजीएम स्कूल में एक को छोड़कर (दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए) हर काउंटर पर बहुत शांति के साथ टोकन लिए जा रहे थे. एमजीएम स्कूल में लगे काउंटर में ही भगदड़ मची. वहां एक साथ 4000 से 5000 लोग इकट्ठा थे.

वैकुंठ द्वार दर्शन का महत्व

वैकुंठ एकादशी हिंदू पंचांग के धनुर मास (धनु सूर्य मास) में आती है. इसे तमिल परंपराओं में धनुरमास या मार्गज़ी मास कहा जाता है. यह शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) की एकादशी है, जो कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) की एकादशी से अलग है. वैकुंठ एकादशी का निर्धारण सौर कैलेंडर के आधार पर होता है, जिसके कारण यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के मार्गशीर्ष या पौष मास में पड़ सकती है. इस दिन व्रत का पालन करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से वैकुंठ धाम के द्वार खुलने का विश्वास है. यह दिन विशेष रूप से आध्यात्मिक महत्व रखता है और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *