लखनऊ: 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार के मामले में विभागीय कार्रवाई खत्म होने पर बुधवार को उनके डीआईजी पद पर प्रोन्नति को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. अजय पाल शर्मा वर्तमान में प्रयागराज में तैनात हैं. उन्हें महाकुंभ की जिम्मेदारी दी गई है. नोएडा के कप्तान रहते हुए आईपीएस वैभव कृष्ण ने 5 आईपीएस अफसरों अजय पाल शर्मा, गणेश शाहा, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा व हिमांशु कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में अजय पाल शर्मा पर आरोप था कि उन्होंने गैंगस्टर के आरोपी रहे चंदन राय के साथ मेरठ में तैनाती के लिए 80 लाख रुपये के लेनदेन की बात की थी. इससे जुड़े दो ऑडियो क्लिप भी सामने आई थी. इसके बाद इन ऑडियो की फोरेंसिक जांच भी की गई थी. वहीं सरकार के निर्देश पर विजलेंस ने अजय पाल शर्मा समेत अन्य आईपीएस अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. हालांकि बाद में विजलेंस ने अजय पाल शर्मा समेत सभी आईपीएस को क्लीन चिट दे दी थी. उसके बाद अजय पाल शर्मा को लंबे समय के बाद जौनपुर जिले का कप्तान बनाया गया था.
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचाने जाते है शर्मा
डॉ. अजय पाल शर्मा की सहारनपुर में पहली तैनाती थी. इस दौरान उन्होंने 5 जून 2013 को पेट्रोल पंप लूट कांड में पुलिसकर्मी की शहादत के बाद अपराधियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कुख्यात मुकीम काला गैंग का खात्मा कर अपराधियों में खौफ पैदा किया था. उसके बाद नोएडा, रामपुर और जौनपुर में भी उन्होंने कई एनकाउंटर किए थे. अजय पाल ने 100 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं. योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें नोएडा में पोस्टिंग दी गई थी. अजय पाल शर्मा ने जून, 2019 में रामपुर में एक 6 वर्षीय बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी नाजिल को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद आईपीएस अजय पाल चर्चा और खूब तारीफ बंटोरी थी.