प्रभु की कृपा से ही मानवरुपी काया प्राप्त होती है: आचार्य संतोष

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अवध सेवा संकल्प समिति के तत्वावधान में श्री राधा श्याम शक्ति मन्दिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पहले दिन आचार्य संतोष भाई ने मां जगदम्बा का आवाह्न किया। कलश एवं वेदी पूजन के साथ मंगल कलश यात्रा निकाली गई जो कि श्रीगोपीनाथ मन्दिर खतराना लोहाइ रोड से होते हुए यात्रा मंदिर परिसर पहुंची। श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए आचार्य संतोष भाई ने कहा कि धर्म वही है जो प्राणी मात्र को सुख देकर प्रसन्नता का अनुभव करे। संसार में मनुष्य का शरीर तो प्रभु की कृपा से प्राप्त हो जाता है, परंतु शरीर में मानवता की स्थापना पूर्व जन्म के संस्कार एवं संतो की कृपा से ही संभव है। द्रव्ययज्ञ एवं ज्ञान यज्ञ से लौकिक एवं पारलौकिक लाभ की प्राप्ति होती है। जगदम्बा की कृपा से ही भगवन शिव की प्राप्ति होती है। भागवत के प्रथम श्लोक सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे। तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नुमरू।। भगवान सत-चित-आनंद स्वरूप है विश्व के उत्पति के हेतु हैं। तीनों तापो को नष्ट करने वाले हैं। ऐसे भगवान श्रीकृष्ण को हम नमस्कार करते हैं। आनंद हमारे अपने भीतर है, लेकिन वह आत्ममंथन करके हमें प्राप्त हो सकता है। जैसे दूध में मक्खन है, लेकिन वह दिखाई नहीं देता वैसे मक्खन को प्राप्त करने के लिए दूध से दही-दही का मंथन करके माखन प्राप्त होता है। आचार्य ने कहा कि शास्त्रों में श्रीमद्भागवत कथा को सत्कर्म कहा गया है। भागवत ही सभी ग्रंथों का सार है। क्योंकि भगवान जब भक्त के जीवन में आते हैं तो भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं। भक्ति के पथ पर परीक्षा में सफल होने पर भगवान के साक्षात दर्शन होते हैं। बड़ी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।

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