परमात्मा की भक्ति करने वाला मनुष्य सब दुख आसानी से सह लेता है

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मेला रामनगरिया के वैदिक क्षेत्र चरित्र निर्माण शिविर में प्रात:काल कुम्भ में मरने वाले श्रद्धालुओं की आत्माओं की शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना कर उनको श्रद्धांजलि दी गयी। यज्ञ ब्रह्मा आचार्य चन्द्रेव शास्त्री ने घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि आर्य समाज संकट की इस घड़ी में मृतकों के परिजनों के साथ है तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ होने की कामना करता है। परमात्मा सभी को धैर्य धारण कराए ऐसी हमारी कामना है। मध्यान्ह की सभा मे शिवनारायण आर्य ने अपने गीतों के माध्यम से भक्ति सत्संग की धारा प्रवाहित की। प्रदीप शास्त्री ने कहा कि परमात्मा की भक्ति करने वाला मनुष्य बड़े से बड़े दु:ख को हंसते हुए सहन कर लेता है। परमात्मा सुखों की खान है आज हमारे जीवन में जो भी दु:ख आते हैं वह परमात्मा से दूर जाने के कारण हैं। जिस प्रकार अग्नि के निकट बैठने से ऊष्मा प्राप्त होती है उसी प्रकार परमात्मा के पास बैठने से सुख और आनंद की प्राप्ति होती है। ईश्वर के सही स्वरुप को समझने के लिए हमें वेद के विद्वानों के सानिध्य में बैठकर वैदिक संत्संग करना चाहिए। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा हर जगह मौजूद है उसे किसी स्थान विशेष में ढूढऩे की आवश्यकता नहीं है। योग और भक्ति के द्वारा ही उसको प्राप्त किया जा सकता है। योग और भक्ति के सही स्वरूप को समझने के लिए हमें वैदिक सत्संग में जाना चाहिए। ब्रह्मचारी उदयराज आर्य, धनीराम बेधडक़ आदि ने इश्वर भक्ति के गीत सुनाए। कार्यक्रम में स्वामी महेन्द्रानंद, मंगल सिंह आर्य, छोटे सिंह, शिशुपाल आर्य, हरिओम शास्त्री, उपासना आर्या, अमृता आर्या आदि उपस्थित रहे।

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