अधिवक्ता ने महिला कांस्टेबिल समेत तीन के खिलाफ न्यायालय में दिया प्रार्थना पत्र

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अधिवक्ता ने महिला कांस्ेटबिल समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ न्यायालय स्पेशल जज एन्टी डकैती/ए0डी0जे0 के यहां 173(4)  बी.एन.एस.एस. के तहत प्रार्थना पत्र देकर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है।
पीडि़त बार एसोसिएशन फतेहगढ़ का संयुक्त सचिव है। दिनांक 02.06.2025 को समय लगभग 9:20 बजे दिन में पीडि़त बिना अधिवक्ता ड्रेस कचहरी फतेहगढ़ के गेट नंबर-3 से जा रहा था। गेट पर सुरक्षा डियूटी में तैनात महिला कांस्टेविल राखी गौड़, उपनिरीक्षक राजबहादुर सिंह एवं न्यायालय सुरक्षा प्रभारी ए0के0 सिंह ने पीडि़त से आधार कार्ड मांगा, तो पीडि़त ने बताया कि वह बार एसोसिएशन फतेहगढ़ का संयुक्त सचिव है एवं बार एसोसिएशन फतेहगढ़ द्वारा जारी अपना पहचान पत्र दिखाया, तो उपरोक्त पुलिसकर्मियों ने पीडि़त का अधिवक्ता पहचान पत्र फाड़ दिया एवं प्रार्थी के साथ गाली-गलौज करते हुए कहा कि ऐसे फर्जी पहचान पत्र सभी लोग बनवा लेते हैं। आधार कार्ड दिखाने पर ही अन्दर जाने दिया जाएगा। जब पीडि़त ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव को मोबाइल फोन से बुलाने का प्रयास किया तो पुलिस कर्मी राखी गौड़, राजबहादुर सिंह एवं ए0के0 सिंह ने पीडि़त को लात-घूसों से मारापीटा एवं पीडि़त की जेब में रखे 20 हजार रूपये लूट लिए। मारपीट में पीडि़त के शरीर पर चोटें आई। पीडि़त की सूचना पर बार एसोसिएशन फतेहगढ़ के सचिव कुंवर सिंह यादव एडवोकेट एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप सिंह एडवोकेट सहित कई अधिवक्ता मौके पर आ गए। जिन्होंने पीडि़त को बचाया और मामला शान्त करा दिया। प्रार्थी अपनी रिपोर्ट लिखाने कोतवाली फतेहगढ़ गया, किन्तु कोतवाली पलिस द्वारा पीडि़त की प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं लिखी गई, बल्कि महिला कांस्टेविल राखी गौड़ के प्रार्थना पत्र पर पीडि़त एवं बार एसोसिएशन के सचिव कुंवर सिंह यादव सहित अन्य अज्ञात अधिवक्ताओं के विरूद्ध झूठी प्रथम सूचना रिपोर्ट मु0अ0सं0-141/2025 धारा-121(1), 132, 304(2) बी0एन0एस0 कोतवाली फतेहगढ़ में दर्ज कर ली गई। पीडि़त अपने साथ घटित घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराना चाहता है। पीडि़त ने उक्त घटना की रिपोर्ट लिखाने हेतु पुलिस अधीक्षक को जरिये रजिस्टर्ड डाक से दिनांक 03.06.2025 को प्रार्थना पत्र प्रेषित किया और अपने शरीर पर आई चोटों का चिकित्सीय परीक्षण दिनांक 03.06.2025 को डॉ0 राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कराया, परन्तु अभी तक न ही पीडि़त की रिपोर्ट दर्ज की गयी है और न ही कोई कार्यवाही हुई है। तब मजबूर होकर पीडि़त/वादी न्यायालय की शरण में आया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *