रहमत बरसते है अनवार मदीने में, आबाद है नबियों का सरदार मदीने में

नौचंदी की जुमेरात पर अकीदतमंदों ने दरगाह पर चादरपोशी कर टेका माथा
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। हजऱत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के महीने की नौचंदी जुमेरात में हजऱत मखदूम शाह सय्यद शाहबुद्दीन औलिया अलैहि रहमा के आस्ताने पर अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी।
फतेहगढ़ लोको दरगाह स्थित ऐतिहासिक गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल हजरत मखदूम शाह सय्यद शाहबुद्दीन औलिया रह0 अलैह के आस्ताने पर नौचंदी जुमेरात अकीदत के साथ फातिहा ख्वानी कर मनाई गई। दरगाह शरीफ में फजर की नमाज के बाद से चादर पोशी और फातिहा का दौर चला। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की प्रतीक दरगाह पर नौंचदी जुमेरात पर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली। दरगाह के नायब सज्जादानशीन शाह मुहम्मद वसीम चिश्ती साबरी मुजद्दिदी की सरपरस्ती में फातिहा ख्वानी कर चादर पोशी की गई। जिसमे बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ी और अपने-अपने तरीके से अकीदत पेश की। हाफिज अरशद साबरी ने बेहतरीन अंदाज में कुरान पाक की तिलावत की। लोगों ने अपने-अपने तरीके से फूल व चादर चढ़ाकर अपनी अकीदत पेश कर खानकाह में दुआएं मांगी।
जामिया के तुलाबा ने कहा कि रहमत बरसते है अनवार मदीने में आबाद है नबियों का सरदार मदीने में। मुझको क्या मिल गया मुझको क्या मिल गया दामन, शाह शहाबुद्दीन मिल गया। खानकाह के नायब सज्जादा नशीन शाह मुहम्मद वसीम चिश्ती साबरी मुजद्दिदी ने तकरीर कर कहा ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती अलैहि रहमा ने अपनी खानकाह में इस पैगाम के साथ अपनी खानकाह को आम किया कि मोहब्बत सभी से नफरत किसी से नहीं और आज इसी पैगाम को हर खानकाह या दरगाह को आम करने की जरूरत है, क्योंकि इन सूफियो ने अपनी खानकाह के दरवाज़े पूरी आलमे इन्सानियत के खोल रखे है। साथ ही मुल्क की तरक्की, आपसी भाईचारे अमन और अमान के लिए दुआएं की गई। इसके बाद अकीदतमंदों को लंगर तकसीम किया गया। इस मौके मुहम्मद इसरार साबरी, अंसार साबरी, मुहम्मद हनीफ उर्फ़ बबलू, आफताब साबरी, रफत हुसैन, मुबीन, आसिफ साबरी, अजहर हुसैन, शिवम, आकाश आदि अकीदमंद मौजूद रहे।

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