चमोली ग्लेशियर हादसा: 60 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, 46 मजदूर निकले सुरक्षित बाहर, 8 श्रमिकों की मौत

उत्‍तराखंड के माणा में ग्‍लेशियर टूटने से भारी हिमस्‍खलन हो गया था, इस दर्दनाक हादसे के बाद मजदूरों के बचाने के लिए शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन अब खत्म हो गया है. इस हादसे में आठ मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 46 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना सहित 200 से अधिक लोग जुटे रहे. यह अभियान लगभग 60 घंटे तक चला.

उत्तराखंड के माणा में ग्लेशियर टूटने से हिमस्खलन में दबे लोगों के बचाने के लिए 60 घंटे से चला रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार की शाम को समाप्त हो गया. इस हादसे में आठ मजदूरों की जान चली गई, जबकि 46 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. राहत एवं बचाव कार्य में सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित कई एजेंसियों के 200 से अधिक लोग लगातार बचाव कार्य में जुटे हुए थे. रविवार की शाम को ग्लेशियर में दब कर फंसे एक मृत श्रमिक को निकाला गया. उसके बाद ऑपरेशन पूरा होने का ऐलान किया गया.

फोटो: सोशल मीडिया

बता दें कि माणा में श्रमिक निर्माण कार्य में जुटे हुए थे. उसी समय अचानक ऊपर से ग्लेशियर का पहाड़ उन पर टूट पड़ा और इससे कई मजदूर उसमें दब गए. सेना की ओर से पहले कहा गया था कि कुल 55 श्रमिक दब गए थे, लेकिन बाद में दबने वाले श्रमिकों की संख्या 54 बताई गई.

60 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

इस घटना की सूचना मिलते ही पूरा प्रशासन हरकत आया और बचाव कार्य शुरू किया गया. शुरू में रास्ते बाधित होने और बारिश के कारण राहत कार्य में दिक्कत आई, लेकिन बाद में आधुनिक उपकरणों की सहायता से रेस्क्यू ऑपरेशन तेज किया गया. सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय सेना और एनडीआरएफ के समन्वय में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के नेतृत्व में चमोली के माना में तीन दिवसीय उच्च जोखिम वाला बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो गया है.

रेस्क्यू ऑपरेशन में थर्मल इमेजिंग तकनीक का भी हुआ इस्तेमाल

अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए हेलीकॉप्टर, खोजी कुत्तों और थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया. पहले दो दिनों तक खराब मौसम के बीच बचाव अभियान करीब 60 घंटे तक चला. हालांकि, रविवार को मौसम काफी हद तक साफ रहा। सेंट्रल कमांड के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा बचाव अभियान की निगरानी के लिए हिमस्खलन स्थल पर मौजूद रहे.

इससे पहले रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव अभियान की जानकारी लेने के लिए उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया.

चमोली एवलांच में जान गंवाने वाले आठ मजदूरों के नाम 

मोहेंदर पाल (हिमाचल प्रदेश)
हरमेश चंद्र (हिमाचल प्रदेश)
जितेंद्र सिंह (उत्तर प्रदेश)
मंजीत यादव (उत्तर प्रदेश)
आलोक यादव (उत्तर प्रदेश)
अशोक पासवान (उत्तर प्रदेश)
अनिल कुमार (उत्तराखंड)
अरविंद कुमार सिंह (उत्तराखंड)

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