शमसाबाद सीएचसी में भ्रष्टाचार का बोलबाला, एमओआईसी व स्वास्थ्यकर्मियों पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। शमसाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों भ्रष्टाचार और अवैध वसूली का खेल खुलेआम चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
सूत्रों के अनुसार वर्तमान एमओआईसी डॉ0 सरवर इक़बाल के संरक्षण में अस्पताल परिसर में अवैध वसूली और निजी फायदा उठाने का सिलसिला जारी है। उल्लेखनीय है कि डॉ0 इक़बाल पर कायमगंज में तैनाती के दौरान टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन करने का आरोप लगा था। जिसके बाद उन्हें सीएचसी के चार्ज से हटा दिया गया था। इसके बावजूद उन्हें बाद में शमसाबाद सीएचसी का चार्ज सौंप दिया गया, जबकि उन्हें जिला जेल में तैनाती दी गई थी। जहाँ उन्होंने ज्वाइन तक नहीं किया। पूर्व में तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर फार्मासिस्ट विजय यादव के आवास से अवैध दवाओं का जखीरा बरामद हुआ था। जिसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजी गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही अधिकारी आज भी शमसाबाद में तैनात हैं। वहीं फार्मासिस्ट कमलेश राजपूत जिनका पहले गैर जनपद तबादला हो चुका था। दोबारा जिले में लौटकर लिंजीगंज सिविल अस्पताल में तैनात हैं, लेकिन वह अब भी शमसाबाद सीएचसी में चीफ फार्मासिस्ट की भूमिका निभा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह अपने करीबी तीन युवकों जुनेद, नज़ीर और अनमोल के ज़रिए मरीजों से दवाइयों के नाम पर अवैध वसूली करवा रहे हैं। ताज़ा मामला विकासखंड के गांव भुकसी निवासी 80 वर्षीय राधेश्याम का सामने आया है। बुजुर्ग इलाज के लिए सीएचसी के इमरजेंसी वार्ड पहुँचे। जहाँ फार्मासिस्ट कमलेश ने अस्पताल की छुट्टी का हवाला देकर दवा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद अस्पताल के कथित वसूलीकारों ने बुजुर्ग से 100/- रुपये की मांग की। पैसे न होने पर बुजुर्ग गिड़गिड़ाते रहे और दवा के लिए अस्पताल गेट पर लोगों से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी कर्मचारी का दिल नहीं पसीजा। अस्पताल में भर्ती मरीजों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां ब्लड जांच कस्बे की निजी पैथोलॉजी से कराई जाती है और कई बार मरीजों को बाहर की महंगी दवाइयाँ लिखी जाती हैं। जिससे गरीब मरीजों के लिए इलाज कराना मुश्किल हो गया है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक जहाँ एक ओर जनता को नि:शुल्क एवं सुलभ चिकित्सा सुविधाएँ दिलाने की बात करते हैं। वहीं जमीनी हकीकत में शमसाबाद सीएचसी में स्वास्थ्य कर्मी इस व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि उच्चाधिकारी पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।

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