जयपुर बम ब्लास्ट से जुड़े एक अहम मामले में विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। साल 2008 में हुए इस भीषण आतंकी हमले से जुड़े एक प्रकरण में विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने चार आतंकियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने 2008 जयपुर बम ब्लास्ट केस में एक बड़ा फैसला सुनाया है। पुलिस ने इस के चार आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। दोषियों में सरवर आजमी, सैफुरहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद शामिल हैं। इन सभी को विभिन्न अपराधों के तहत दोषी माना गया है। इन धमाकों में 71 लोगों की जान गई थी और 185 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। कोर्ट ने इस मामले में 17 साल बाद सजा सुनाई है।
यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब जयपुर के चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था। इस बम से संभावित हमले की योजना थी, लेकिन समय रहते बम को निष्क्रिय कर दिया गया। कोर्ट ने 4 अप्रैल को सभी आरोपियों को दोषी ठहराया था और अब उन्हें सजा भी सुनाई गई है। सजा के दौरान हैरानी की बात यह रही कि सजा सुनाए जाने के बाद भी सभी आरोपी मुस्कराते हुए कोर्ट से बाहर निकले। उनके चेहरे पर कोई पछतावा या अफसोस नहीं दिखाई दिया।
इससे पहले दी दी गई थी फांसी की सजा
इससे पहले दिसंबर 2019 में जयपुर ब्लास्ट मामले में निचली अदालत ने सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, पांचवें आरोपी शाहबाज को संदेह के लाभ पर बरी कर दिया गया था. जिन चार लोगों को सजा सुनाई गई थी, उन्होंने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 29 मार्च 2023 को चारों को बरी कर दिया और शाहबाज हुसैन को बरी करने के फैसले पर भी मुहर लगा दी
क्या है पूरा मामला?
साल 2008 में 13 मई को जयपुर शहर के कई इलाकों में सिलसिलेवार धमाके हुए थे. इन धमाकों में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 170 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे चौड़ा रास्ता, ट्रिपोलिया बाजार और हवामहल के आसपास इन धमाकों से दहशत फैल गई थी. जांच में सामने आया कि कुछ जगहों पर बम तो फटे, लेकिन कुछ जगहों पर टाइमर से लैस बम जिंदा मिले थे. इन्हीं जिंदा बमों के मामले में अब कोर्ट ने फैसला सुनाया है.