यातायात नियमों की अनदेखी बन रही दुर्घटनाओं की वजह
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद सडक़ हादसों में कमी नहीं आ रही है। यह चिंता का विषय है। इसके लिए सरकार को कोई ठोस कदम उठाने होंगे और कड़े कानून बनाने होंगे, तभी दुर्घटनाओं पर अंकुश पाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सूबे की सरकार तमाम तरह से लोगों को जागरुक कर रही है। साथ ही यातायात सप्ताह/माह भी चलाकर लोगों को सडक़ दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरुक करती रहती है, लेकिन इसके बावजूद भी सडक़ दुर्घटना में कमी होने के बजाय इजाफा हो रहा है। अन्य देशों की अपेक्षा भारत में दुर्घटनायें कुछ ज्यादा ही हो रही हैं। इसमें काफी हद लोग स्वयं जिम्मेदार हैं। जब हर व्यक्ति अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझेगा और सरकार द्वारा सुझाये गये नियमों का पूरी तरह से पालन करेगा,तभी सडक़ दुर्घटना में कमी लायी जा सकती है, अन्यथा की स्थिति में नहीं। लोग सरकार द्वारा चलाये जा रहे जागरुकता अभियान का हिस्सा तो बन जाते हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं करते हैं। कुछ नियम ऐसे हैं, जिनका पालन न करने से दुर्घटनायें हो रही हैं। जैसे वाहन चलाते समय हेलमेट न लगाना, वाहन को तीव्र गति से चलाना, ट्रैफिक नियमों का पालन न करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, दुपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारियां बैठालाना, आदि कुछ ऐसे नियम हैं जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। यदि इन नियमों का व्यक्ति पालन करे, तो अनायास हो रही रही सडक़ दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद नहीं रुक रहीं सडक़ दुर्घटनायें
