फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वावधान में मेला श्रीरामनगरिया में चल रहे वैदिक क्षेत्र में चरित्र निर्माण शिविर में मंगलवार को प्रात:काल यज्ञ किया गया। आचार्य चन्द्रदेव शास्त्री ने बताया कि इस धरती पर सर्वश्रेष्ठ प्राणी मनुष्य है। सर्वश्रेष्ठ इसलिए है कि श्रेष्ठतम कर्म करने का सौभाग्य परमात्मा ने मनुष्य को दिया है। संध्या, सत्संग, सेवा, स्वाध्याय और समर्पण आदि के द्वारा मनुष्य इहलौकिक और पारलौकिक सुखों की प्राप्ति कर सकता है। जो व्यक्ति अपने मन को ईश्वर की भक्ति और तन को परोपकार में लगाते हैं वो ईश्वर की कृपा को प्राप्त करते हैं। परमात्मा की कृपा को प्राप्त करने वाला मनुष्य सुख, शान्ति और आनन्द को प्राप्त करता है। पण्डित दलवीर शास्त्री ने रामकथा के द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का वैदिक स्वरूप प्रस्तुत किया। पण्डित प्रदीप शास्त्री ने बताया कि भगवान ने जल को बनाया है, तब हम दूसरों को जल पिलाते है, भगवान ने अन्न को बनाया है तब हम दूसरों को भोजन खिलाते हैं। इसलिए जहां भोजन खिलाने वालों का, जल पिलाने वालों का धन्यवाद करते हैं। वहीं उस भगवान का धन्यवाद करें जिस भगवान ने बनाया है। पण्डित धनीराम बेधडक़, पण्डित शिवनारायण आर्य ने प्रेरणादायक भजनों की अमृत वर्षा की। स्वामी महेन्द्रानंद ने मंच का संचालन किया। सभा में उत्कर्ष आर्य, उदयराज आर्य, राहुल वर्मा, हरिओम शास्त्री, शिशुपाल आर्य, अजीत आर्य आदि उपस्थित रहे।
संध्या, सत्संग, सेवा, स्वाध्याय से सुखों की प्राप्ति होती हैै: चन्द्रदेव शास्त्री
