अमृतपुर, समृद्धि न्यूज। पानी का पानी गांव में घुसने से भयभीत ग्रामीणों ने अपना ठौर सडक़ पर बनाया है। ग्रामीणों का कहना है कि रात में सडक़ पर सांप, कीड़ों का भय लगा रहता है।
गंगा नदी में लगातार बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से बाढ़ की स्थिति बनती नजर आ रही है। जिसको लेकर तहसील प्रशासन अलर्ट मोड पर दिखाई दे रहा है। आज नरौरा बांध से 86603 जिसके कारण गंगा का जलस्तर 136.70 सेंटीमीटर अंकित किया गया। कल से आज गंगा के जलस्तर में 5 सेंटीमीटर जलस्तर की गिरावट आई है तथा राम गंगा नदी में खो बैराज से 28292 क्यूसेक, हरेली बैराज से 1400, रामनगर बैराज से 9343 क्यूसेक पानी छोड़ा गया तथा टोटल रामगंगा में 39034 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके कारण बरुआ, बमियारी, नगरिया जवाहर, सबलपुर, कंचनपुर, आशा की मड़ैया, उदयपुर गौंटिया, चित्रकूट, गौंटिया, मड़ैया तौफीक, आसमपुर, कालिका नगला, माखन नगला, रामप्रसाद नगला, फखरपुर, करनपुर घाट, सुंदरपुर, तीसराम की मड़ैया आदि गांव पानी की चपेट में आ गए। जिसके कारण ग्रामीण अब गांव से पलायन कर ऊंचे स्थान व सडक़ किनारे पन्नी तानकर आशियाना बनाकर रहने के लिए आ गए हैं। गांव चित्रकूट निवासी महेश पुत्र रामदीन अपने परिवार के साथ सडक़ के किनारे पन्नी तानकर रहने लगे हैं तथा अनीता पत्नी पप्पू भी परिवार के साथ सडक़ के किनारे आशियाना बनाना शुरू कर दिया है। थाना प्रभारी अमृतपुर मीनैश पचौरी ने बाढ़ शरणालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमृतपुर का निरीक्षण कर व्यवस्था को देखा। एसडीएम अतुल कुमार ने बताया बाढ़ शरणालय तैयार हैं जो परिवार सडक़ के किनारे बसे हैं उन्हें शरणालय भेजा जाएगा।
बाढ़ का पानी गांव में घुसा, ग्रामीणों ने सडक़ पर बनाया अशियाना
