समधन, समृद्धि न्यूज़। माहे रमज़ान के चलते मस्जिदों व घरों में भी इबादत करने का सिलसिला जारी है मुस्लिम लोग इस महीने में रोज़ा, नमाज़ तिलावत खूब करते हैं। और गुनाहों से बचें रहते हैं इस महीने में अल्लाह की रहमतों व बरकतों की बारिश करता है।
माहे रमज़ान का चांद निकलते ही मस्जिदों व घरों में शुरू हुई तरावीह में कुरान मजीद पड़ा जा रहा है। रमज़ान महीने में मुस्लिम मर्द व औरत पर अल्लाह ताला ने रोजा रखने के साथ-साथ तरावीह भी सुन्नत की गई है। पूरी कुरान में तीस पारे होते हैं इशा की नमाज के तुरंत बाद इमाम खड़े होकर मूंह जुबानी कुरान पढ़कर नमाजियों को सुनाते हैं पूरा कुरान मुकम्मल होने पर लोग दुआ में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं दुआओं में मांग कर अपने अल्लाह से अगले पिछले गुनाहों से तौबा कर चैन और सुकून आदि दुआएं मांगते हैं। कुरान मुकम्मल होने पर मांगी गई दुआएं अल्लाह क़ुबूल करता है।
हाफ़िज़ अबुबकर सिद्दीक ने दस दिन की तरावीह में पूरा कुरान पढ़कर मुकम्मल किया है इसी दौरान बाद में हाफिज मुस्तगीर साहब ने दीन की बातें बता कर मुल्क में अमन-चैन की दुआएं मांगी गई। आगे उन्होंने कहा कि अभी तरावीह पढ़ने और पढ़ाने का सिलसिला खत्म नहीं होगा पूरे महीने रोज़े रखने के साथ-साथ तरावीह पढ़ने का सिलसिला बराबर चलता रहेगा।
हाफिज अबुबकर सिद्दीक ने दस दिन की तरावीह में कुरान मुकम्मल किया
