हरियाणा के रोहतक जिले में सूटकेस से मिले कांग्रेस महिला कार्यकर्ता हिमानी नरवाल के शव के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. हिमानी की मां ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से फोन पर बात के बाद कहा कि जब तक हत्यारे गिरफ्तार नहीं होते तब तक न शव लेंगे और ना ही अंतिम संस्कार होगा. इस बीच हरियाणा पुलिस ने हिमानी की हत्या के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
दोषियों को पकड़े बगैर दाह संस्कार नहींः मां
हिमानी की मां सविता रानी ने कहा, “उन्होंने (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) मुझे आश्वासन दिया है कि इस मामले में न्याय मिलेगा और 100 फीसदी न्याय मिलेगा. जब तक दोषियों को पकड़ा नहीं जाएगा तब तक हम दाह संस्कार नहीं करेंगे ना ही शव लेंगे. उसके कुछ जेवर जो वो पहनती थी वो भी नहीं है.” उन्होंने यह भी कहा कि जो लास्ट चैट हिमानी के फोन से हुआ वो उसके किए मैसेज नहीं हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “हरियाणा में अपराध, खासकर महिलाओं के खिलाफ अपराध, बढ़ते जा रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है.” इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि हिमानी के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के कुछ नेता थोड़े समय में ही उनके राजनीतिक उत्थान से जलन रखते थे, तो हुड्डा ने कहा, “अपराधी अपराधी होता है, चाहे वह पार्टी में हो या कोई और, अपराधी को सजा मिलनी चाहिए.”
हिमानी की मां के बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने अपने एक्स पोस्ट में इसे तंदूर कांड के बाद सूटकेस कांड बताया है. कांग्रेस ने भी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों को सजा की गुहार लगाई है. हिमानी का मां का कहना है कि उनकी बेटी साफ-सुथरी राजनीति करना चाहती थी, लेकिन लोग उसे दलदल में फंसाना चाहते थे. वो पिछले तीन दिनों से उनके संपर्क में नहीं थी. हिमानी के भाई ने भी बहन के लिए इंसाफ की मांग की है. बताया जा रहा है कि हिमानी नरवाल के बड़े भाई की करीब 14 साल पहले हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के चार साल बाद हिमानी के पिता ने आत्महत्या कर लिया था. वो बीएसएफ में काम करते थे. उनकी मौत के बाद हिमानी की मां को उनकी जगह दिल्ली में नौकरी मिल गई. वो अपने छोटे बेटे के साथ बीएसएफ कैंप में रहने लगी. लेकिन अपनी पढाई की वजह से हिमानी रोहतक में ही रुक गई. वो विजय नगर में अपने पुश्तैनी मकान में अकेले रहा करती थी.