वन दरोगा राकेश तिवारी की छत्रछाया में फिर पनप रहा लकड़ी कटान का अवैध गोरखधंधा
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। इसे वन दरोगा राकेश तिवारी का लकडक़ट्टों को संरक्षण कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि शमशाबाद क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक लकडक़ट्टे एक लंबे समय से सक्रिय हैं जो कि वन दरोगा राकेश तिवारी के संरक्षण में शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में हरे भरे वृक्षों को काटकर अच्छी खासी कमाई कर वन विभाग के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है की लकडक़ट्टे जो कभी रात के अंधेरे में हरे भरे वृक्षों को कटवाकर दिन का उजाला होने से पहले ट्रैक्टर ट्रालियों के सहारे ठिकाने लगवा दिया करते थे आजकल वही लकडक़ट्टे बन दरोगा राकेश तिवारी के संरक्षण में पेड़ों के अवैध कटान के कार्य को धड़ल्ले से बेखौफ होकर अंजाम दे रहे हैं। इसका उदाहरण भी विकास खंड शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम अमिलैया आशानंद निवासी त्रिलोकी गंगवार के बाग में देखने को मिला। बताते हैं यहां लगभग 4 आम के पेड़ थे। जिसे लकड़ कट्टा चंद्रपाल के द्वारा दिन दहाड़े कटवाकर ठिकाने लगवा दिया गया। बताते हैं जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। जिस पर मौके पर देखा गया तो वहां 4 आम के पेड़ कटे हुए मिले। ज्ञात हो कि जब से वन दरोगा राकेश तिवारी ने चार्ज लिया है तब से लकड़ कट्टे पुन: सक्रिय हो गए हैंष। शमशाबाद क्षेत्र में एक लंबे समय से हरे भरे वृक्षों को बेखौफ होकर लकडक़ट्टों द्वारा कटवाये जाने का कार्य अनवरत जारी है।ष यही कारण है वन दरोगा राकेश तिवारी के संरक्षण से बुलंद हौसलों के साथ लकडक़ट्टे दिन के उजाले में इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं, जो एक चिंता का विषय है। वहीं जब लकडक़ट्टे चंद्रपाल से आम के पेड़ों को काटने के संबंध में जानकारी की गई तो उसने बताया कि मंैने 4 आम के पेड़ काटे हैं। हम लोग जो भी हरी लकड़ी काटते हैं उसमें वन विभाग व पुलिस मेरा सहयोग करती है। इसके ऐवज में हम उनको 40 परसेंट कमीशन के तौर पर देते हैं। ज्ञात हो कि जब से वन दरोगा राकेश तिवारी ने पुन: चार्ज लिया है तब से लगातार क्षेत्र में लकड़ी का अवैध कटान अपनी चरम सीमा पर है और आए दिन कहीं ना कहीं हरे भरे पेड़ों को लकडक़ट्टों के द्वारा उजाड़ दिया जाता है। वहीं उच्चाधिकारी अपनी आंखों पर धृतराष्ट्र की तरह पट्टी बांधे हुए हैं।
वन दरोगा के संरक्षण में लकडक़ट्टे ने दिन दहाड़े काट डाले आम के पेड़
