यमन और जिबूती के बीच प्रवासियों को ले जा रही चार नावें समुद्र में डूब गईं. इस हादसे के कारण 180 से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने इस घटना की पुष्टि करते हुए इसे दुनिया के सबसे खतरनाक प्रवासी रास्तों में से एक बताया है. यह रास्ता मुख्य रूप से इथियोपिया के प्रवासियों द्वारा खाड़ी देशों में काम की तलाश या संघर्ष से बचने के लिए उपयोग किया जाता है. IOM के अनुसार, गुरुवार रात चार नावें डूब गईं, जिनमें सवार 180 से अधिक लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चला है. यह हादसा यमन और जिबूती के तटों के पास हुआ. यह प्रवासी मार्ग पहले भी घातक साबित हो चुका है. ,
पहले भी हो चुकी हैं दर्दनाक घटनाएं
इस साल जनवरी में भी एक नाव हादसा हुआ था, जिसमें 20 इथियोपियाई प्रवासियों की मौत हो गई थी. लगातार हो रही इन घटनाओं ने प्रवासियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है. कई लोग बेहतर जीवन की तलाश में इस खतरनाक समुद्री रास्ते को अपनाते हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें जान गंवाने का खतरा बना रहता है.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
IOM और अन्य राहत एजेंसियां लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं. हालांकि, समुद्र की स्थिति और सीमित संसाधनों के चलते बचाव अभियान में कठिनाइयां आ रही हैं. स्थानीय प्रशासन और मछुआरों की मदद से कुछ लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक किसी की सुरक्षित होने की पुष्टि नहीं हुई है.