समृद्धि न्यूज। इजराइल के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं। मंगलवार को नई दिल्ली में एस जयशंकर और उनकी मुलाकात हुई। इस दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत और इजराइल की साझेदारी केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि आपसी भरोसे और विश्वसनीयता पर टिकी एक वास्तविक रणनीतिक साझेदारी है। भारत और इजराइल के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से विदेश मंत्री डा0 एस0 जयशंकर ने इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों ने आतंकवाद, नवाचार, कृषि और वैश्विक शांति जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की। जयशंकर ने दोनों देशों के सामने मौजूद साझा चुनौती आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि पूरी दुनिया आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाए। उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल दोनों इस ख़तरे से निपटने में एक-दूसरे के विश्वसनीय सहयोगी हैं।
#WATCH | Delhi: At the meeting with Foreign Minister Gideon Sa'ar of Israel, EAM Dr S Jaishankar says, "Given our strategic cooperation, an exchange of perspectives on regional and global issues also holds great value. There are some plurilateral initiatives in which we both have… pic.twitter.com/b9mUnQVdEO
— ANI (@ANI) November 4, 2025
वहीं जयशंकर ने गाजा क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत गाजा पीस प्लान का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि यह एक स्थायी शांति समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने बंधकों की रिहाई और मृतकों के पार्थिव अवशेषों की वापसी का स्वागत भी किया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच हाल ही में हुआ द्विपक्षीय निवेश समझौता एक अहम कदम है। उन्होंने बताया कि कृषि, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और वित्त से जुड़े इजरायली मंत्री पहले ही भारत का दौरा कर चुके हैं। जयशंकर ने कहा भारत ने रेल, सडक़, बंदरगाह, स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में नई क्षमताएं विकसित की हैं। हम इजराइल के साथ इन क्षेत्रों में साझेदारी को और गहराई देना चाहते हैं। जयशंकर ने बताया कि बड़ी संख्या में भारतीय श्रमिक इजराइल में काम कर रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच मोबिलिटी समझौतों का परिणाम है। उन्होंने इस संदर्भ में मौजूद कुछ व्यावहारिक मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता जताई। वहीं इजराइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत एकजुटता की सराहना करते हैं। हम याद रखते हैं कि 7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद पीएम मोदी पहले विश्व नेता थे जिन्होंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन किया था। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। जयशंकर ने अंत में इजराइली विदेश मंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगी और भविष्य के सहयोग की नई दिशा तय करेगी। वहीं जयशंकर ने कहा कि भारत और इजराइल के बीच सेमीकंडक्टर और साइबर सुरक्षा में सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने बताया कि भारत अगले साल फरवरी में एआई इम्पैक्ट समिट की मेजबानी करेगा और इसमें इजराइल की भागीदारी का स्वागत करेगा।
#WATCH | Delhi: At the meeting with Foreign Minister Gideon Sa'ar of Israel, EAM Dr S Jaishankar says, "Your visit allows us to review our bilateral cooperation and assess the possibilities for further deepening it. The recent conclusion of our Bilateral Investment Agreement is a… pic.twitter.com/Z8xcnERhCT
— ANI (@ANI) November 4, 2025
वहीं इजरायली मंत्री ने भारत को भविष्य की वैश्विक शक्ति बताया और कहा कि भारत वैश्विक सुपरपावर है, जबकि इजरायल क्षेत्रीय पावर हाउस है, हमारे सहयोग से वैश्विक स्थिरता को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत-इजरायल निवेश समझौता दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। गिडोन सार ने कहा कि हाल के महीनों में कई इजरायली मंत्रियों ने भारत का दौरा किया है और कृषि तथा नवाचार के क्षेत्र में संबंध लगातार मजबूत हुए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इजरायल अगले वर्ष भारत में आयोजित होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद करता है।
