नैक टीम ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक और शोध व्यवस्था का किया मूल्यांकन

पहले दिन रहा कार्यक्रम सघन

सैफई, समृद्धि न्यूज। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय,में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की तीन दिवसीय मूल्यांकन यात्रा बुधवार से शुरू हो गई। दौरे के पहले दिन टीम ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक, शोधात्मक एवं चिकित्सकीय व्यवस्था के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का गहराई से निरीक्षण किया। दिनभर चला निरीक्षण कार्यक्रम अत्यंत सघन रहा, जिसमें सभी वरिष्ठ अधिकारी लगातार उपस्थित रहे।
सुबह 9:00 बजे विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में कुलपति डॉ. पी.के. जैन,प्रति कुलपति डॉ रमाकांत यादव,डीन डा आदेश कुमार, कुलसचिव अभिनव रंजन श्रीवास्तव, एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नैक टीम का औपचारिक स्वागत किया गया। 9:30 बजे प्रशासनिक भवन के सभागार में प्री-विज़िट बैठक आयोजित की गई, जिसमें नैक की पीयर टीम के सभी सदस्य मौजूद रहे। इस बैठक में कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, शोध कार्यों और विकास यात्रा पर आधारित विस्तृत परिचयात्मक वीडियो प्रस्तुत किया गया।
बाद में नैक टीम ने गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ कार्यालय पहुंचकर निदेशक एवं समन्वयक के साथ गहन चर्चा की। इसके उपरांत प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक विभिन्न विभागाध्यक्षों और डीनों द्वारा पाठ्यक्रम, संकाय व्यवस्था और अकादमिक ढांचे पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया गया।
दोपहर 12:30 से 1:30 बजे तक टीम ने विश्वविद्यालय की शिक्षण प्रणाली, छात्रों की भागीदारी, मूल्यांकन व्यवस्था और गुणवत्ता संबंधी पहलुओं पर केंद्रित संवाद किया। इसके तहत क्राइटेरिया-1 और क्राइटेरिया-2 से जुड़े बिंदुओं की समीक्षा की गई।
दोपहर 2: बजे से 4: बजे तक टीम ने विश्वविद्यालय के लगभग 50 प्रतिशत विभागों, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पारंपरिक ज्ञान केंद्र और बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ का भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान कई स्थानों का वर्चुअल लाइव टूर भी कराया गया, जिससे टीम को विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण की समग्र जानकारी प्राप्त हुई।
शाम 4: बजे से 5: बजे तक टीम ने शोध कार्यों की समीक्षा की। डॉ. सविता डीन ऑफ रिसर्च के साथ बैठक में शोध प्रकोष्ठ, आईकेएस, आईपीआर, नवाचार केंद्र एवं फैकल्टी सदस्यों की भागीदारी रही। टीम ने शोध प्रकाशनों, प्रोजेक्ट्स, शोध पत्रों और दस्तावेजों की गहराई से जांच की। टीम ने कुलपति कार्यालय, प्रशासनिक कक्ष सहित विभिन्न विभागों के कार्यालयों का निरीक्षण किया। इसके बाद चिकित्सकीय सेवाओं की समीक्षा के अंतर्गत टीम ने ओपीडी, नवीन ओपीडी, आपात चिकित्सा केंद्र का भ्रमण किया। निरीक्षण के दौरान पूछताछ केंद्र, प्राथमिक उपचार कक्ष संख्या 17, पंजीकरण केंद्र, सीटी स्कैन, एक्स-रे कक्ष और औषधि वितरण प्रणाली को भी देखा गया। लिफ्ट से चौथी मंजिल पर पहुंचकर गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) की स्थिति का भी अवलोकन किया गया। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसपी सिंह, डॉ विश्व दीपक,डॉ प्रशांत, डॉ राज मंगल यादव से टीम ने विस्तारपूर्वक पूछताछ की। टीम के दौरे में कुलपति, प्रति कुलपति, कुलसचिव, चिकित्सा अधीक्षक सहित विश्वविद्यालय की प्रमुख समितियों, विभागाध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रही। दो सदस्यीय टीम के साथ देश के विभिन्न हिस्सों से आठ अन्य विशेषज्ञ ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।

सख्त रही व्यवस्था, कर्मचारियों को पैदल आना पड़ा

नैक टीम के दौरे को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ही सख्ती बरतनी शुरू कर दी थी। मंगलवार शाम से ही सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया गया था। बुधवार को केवल गेट संख्या एक से ही सीमित लोगों को प्रवेश दिया गया। निजी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहा, जिससे कर्मचारियों को अपने वाहन बाहर छोड़कर परिसर के भीतर पैदल आना पड़ा।

ड्रेस कोड और पहचान पत्र अनिवार्य, सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद

विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पूर्व सैनिकों द्वारा संचालित की जा रही है। निरीक्षण के दौरान सभी कर्मचारियों के लिए पोशाक और पहचान पत्र अनिवार्य किया गया था। पूरे परिसर में कर्मचारी मास्क और दस्ताने पहनकर ड्यूटी पर तैनात रहे।

पार्किंग और प्रवेश को लेकर तीमारदारों से हुई कहासुनी

गेट बंद रहने और वाहन प्रवेश पर रोक के कारण मरीजों के साथ आए तीमारदारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। केवल एक तीमारदार को ही मरीज के साथ अंदर जाने की अनुमति दी गई।

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