समृद्धि न्यूज। देशभर में पाकिस्तान से आए नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पाकिस्तानी महिला शुमायला खान तीन महीने से फरार है, जिसके खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने का मामला दर्ज है। तीन महीने पहले बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाने में बेसिक शिक्षा विभाग ने शुमायला खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। यहां 9 साल तक पाकिस्तान की रहने वाली एक महिला बेसिक शिक्षा विभाग की मेहरबानी से नौकरी करती रही। पुलिस लगातार उसकी तलाश में बरेली और रामपुर समेत कई जगह दबिश दे रही है, लेकिन अब तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है।
जांच में प्रमाण पत्र पाये गये थे कूटरचित
शुमायला खान फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थी। जांच के दौरान पता चला कि वह मूल रूप से पाकिस्तानी नागरिक है। नौकरी हासिल करने के लिए उसने रामपुर के एसडीएम कार्यालय से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाया था और उसे नियुक्ति के समय प्रस्तुत किया था। जांच में प्रमाण पत्र को कूटरचित पाया गया।
चप्पे-चप्पे पर तलाश रही पुलिस
मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है तो अब जिले के डीएम ने दो सीनियर पीसीएस अधिकारी एडीएम और सिटी में मजिस्ट्रेट की ज्वाइंट जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है। पाकिस्तान की रहने वाली शुमायला खान को लेकर बरेली का पूरा पुलिस और प्रशासनिक अमला बेहद परेशान है। वजह जहां पाकिस्तान की हरकतों को लेकर पूरे देश में खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क हैं वहीं, बरेली जिले में पाकिस्तानी महिला शुमायला खान के गायब होने से हडक़ंप मच गया।
पुलिस की 8 टीमें ढूंढ़ रहीं
खुफिया एजेंसियों सहित आठ टीमों को लगाकर महिला शुमायला खान की तलाश तेज कर दी है कि आखिर इस वक्त शुमायला खान कहां है, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आखिर बरेली जिला में तैनात बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने समय रहते इस पूरे मामले को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को क्यों नहीं बताया। अगर पाकिस्तानी महिला शुमायला खान की गतिविधियां देश के खिलाफ हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। तो अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तानी महिला शुमायला खान पुलिस के हाथ आती है या फिर वह अपने मकसद में कामयाब हो जाएगी।