फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मौनी अमावस्या पर भक्तों ने पांचाल घाट गंगा तट पर पहुंचकर हर-हर गंगे के बीच गंगा में डुबकी लगायी और गंगा तट पर पूजा अर्चना की। कई भक्तों ने अपनी सामथ्र्य के अनुसार पुरोहितों को दान दक्षिण दी।
जानकारी के अनुसार मौनी अमावस्या पर स्नान दान का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। मौनी शब्द का अर्थ है मौन यानी चुप रहने से संबंधित है। इसे मौन रहने और आत्मचिंतन के लिए विशेष दिन माना जाता है। मौन रहने से व्यक्ति आत्मचिंतन करता है और अपने अंतर्मन की शांति प्राप्त करता है। इस साल मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी योग का शुभ संयोग बन रहा है। त्रिवेणी योग को सुख समृद्धि प्राप्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी कड़ी में भक्तों ने ब्रह्ममुर्हत में पांचाल घाट गंगा तट पर पहुंचकर गंगा स्नान किया और पूजा अर्चना की। कई भक्तों ने कथा का आयोजन कराया। किसी अनहोनी घटना के मद्देनजर पुलिस तैनात की गयी थी। जो एक दायरे में ही भक्तों को स्नान करने की अनुमति दे रही थी। वहीं बेरीकेटिंग भी की गयी थी। बेरीकेटिंग के अंदर ही स्नान करने की अनुमति थी। भारी भीड़ के चलते पुल पर कई बार जाम भी लगा। जिससे पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अपने जनपद के अलावा आसपास के जनपद जैसे हरदोई, मैनपुरी, कन्नौज, शाहजहांपुर आदि जनपदों से भी भक्तों ने आकर गंगा में डुबकी लगायी। इस बार महाकुम्भ के चलते पांचाल घाट पर भक्तों की भीड़भाड़ कम देखी गयी, क्योंकि अधिकांश लोग प्रयागराज कुम्भ के लिए रवाना हो गये।
मौनी अमावस्या पर हर-हर गंगे के बीच भक्तों ने लगायी गंगा में डुबकी
