पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान की थी पांडेश्वरनाथ मंदिर की स्थापना

सावन के महीने में भक्तों का उमड़ता है भारी जनसैलाब
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। नगर के ऐतिहासिक पांडेश्वर नाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान की थी। इसके साथ ये भी मान्यता है कि स्थापना के दौरान भगवान कृष्ण स्वंय मौजूद थे। सावन के महीने में मंदिर पर भक्तों का भारी जनसैलाब उमड़ता है। जिससे पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
भगवान पांडेश्वर नाथ जिनके दर्शन मात्र से ही सारे कष्टों का निवारण हो जाता है। जिनके दर्शन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। महाभारतकालीन इस मंदिर में भगवान महादेव की भक्ति की अविरल धारा बहती है। रेलवे रोड स्थित पांडेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की हर-हर महादेव की गूंज चारों ओर सुनाई देने लगती है। सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालू पूजा के लिए लंबी कतारों में लग जाते हैं। सावन के महीने में जलाभिषेक के लिए भोले भंडारी के भक्तों का तांता सूर्य की पहली किरण के साथ ही लगने लगता है। बम-बम भोले के जयकारे मंदिरों में गुंजयमान होने से वातावरण भी भक्तिमय हो जाता है। भगवान शंकर यूं तो अराधना से प्रसन्न होते हैं। शिव शंकर बहुत भोले हैं। इसीलिए हम उन्हें भोलेभंडारी भी कहते है। यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा जल भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। सावन के इस पवित्र महीने में पांडेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक का बड़ा महत्व है। पुराणों में भी शिव के अभिषेक को बहुत पवित्र महत्व दिया गया है। पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर की स्थापना की थी। इसीलिए इस मंदिर की मान्यता अधिक है।

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