फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। फर्रुखाबाद युवा महोत्सव समिति द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्त पूर्व संध्या पर काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ।
शनिवार को डॉ0 ओम प्रकाश गुप्ता सभागार में आयोजित काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि डा0 शिवओम अम्बर ने की। उन्होंने कहा कि लेखनी के महत्व को रेखांकित किया। कहा कि लेखनी होगी तुम्हारी दृष्टि में लोगों, हाथ में गंगाजली हमने उठाई है।
कायमगंज से पधारे मुख्य अतिथि डॉ0 राम बाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने वेदों का पुन: उद्धार किया था। स्वामी विवेकीनन्द ने उस यज्ञ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलाया। भारत की धर्म संस्कृति और दर्शन का लोहा सारे विश्व के मतमतांताओं ने मना वे विश्व सन्त थे और पुनर्जागरण के अग्रदूत थे। राम अवतार शर्मा इन्दु ने कहा कि कल किरणों की पूंजी थी तो जग मेरा वंदन करता था। कवयित्री प्रीति तिवारी ने कहा पिता यदि राम जैसे है तो मां सीता के जैसी है, पिता सागर की गहराई तो मां गंगा के जैसी है। कवि दिलीप कश्यप कलमकार ने जीवन में कुछ नाम अधूरा रहते हैं, करने हों जो काम अधूरा रहते हैं। युवा कवयित्री सोबिया रहमान ने जल्दी से हो जा बड़ी, तुझे पूरा घर देखना है, क्या करोगी पढक़र तुझे रोटी सेकना है स्त्री विमर्श की कविता पढ़ी। उपकर मणि उपकार ने कहा कि तस्करों के हाथ ने जबसे उजाले हो गए, रोशनी वालों के भी किरदार काले हो गए गज़ल पढ़ी। हास्य कवि राम मोहन शुक्ल ने पढ़ा उन्होंने चूम के पत्थर को धूल बना दिया, उन्होंने चूम के कांटों को फूल बना दिया। कार्यक्रम का संचालन कृष्णकांत अक्षर ने किया। संयोजक कविध्वज मिश्र ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अशोक मिश्रा, निमिष टंडन, परवाना राही, सुधांशु शर्मा, रीता दुबे आदि मौजूद रहे।