फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सुल्तान उल हिंद अताये रसूल हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के यौमे कुल कि दुआ खानकाह हजऱत मखदूम शाह सय्यद शहाबुद्दीन औलिया अलैहि रहमा पर की गई। मोहब्बत उल उलूम जामिया चिश्तीया के मुदर्रिस हाफिज मुहम्मद अरशद साबरी ने बेहतरीन आवाज़ में कुरान कि तिलाबत से आगाज़ किया और जामिया के तोलाबा ने अपने-अपने अंदाज़ में नात ख्वानी और मनक़बत पेश किया।
हाफिज मुहम्मद फरहान ने पढ़ा या ख्वाजा या ख्वाजा या ख्वाजा, मेरा ख्वाजा महाराजा मेरा ख्वाजा महाराजा या ख्वाजा या ख्वाजा अरे से भारी का देखिए जीना दिखाई दे ख्वाजा तुम्हारे दर से मदीना दिखाई दे, ख्वाजा मेरी सोई हुई तकदीर जगा दो अजमेर दिखाया है मदीना भी दिखा दो, अजमेर फरिश्तों की उतरने की जगह है, तोहिद के बाजार में करने की जगह है। ख्वाजा पिया ने देखी है एहसान कर दिया कलमा पढक़र हमको मुसलमान कर दिया। मोहम्मद अंसार साबरी ने पढ़ा बेखुद किए देते हैं अंदाज ही जमाना आदिल में तुझे रख लूं है जल में जाना ना, इतना तो कम करना यह जलवे जाना ना जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना, दुनिया में मुझे तुमने जब अपना बनाया है महेश्वर में भी कह देना मैं हूं तेरा दीवाना। बिलाल साबरी ने बेहतरीन अंदाज में ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह आले की शान में बयां किया। इस मौके पर मदरसे के तमाम तुलबा मौजूद रहे।