50 किलो आलू के पैकेट पर नहीं मिला 50 किलो आलू का दाम

किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन, घंटों आलू की बिक्री रही बाधित
मंडी सचिव बोले शत-प्रतिशत नये नियम को किया जायेगा लागू
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। शुक्रवार सुबह एशिया की सबसे बड़ी सातनपुर आलू मंडी में व्यापारियों द्वारा आलू की खरीद ना किए जाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकांत मिश्रा ने बात करते हुए बताया कि 20 दिसंबर को भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सातनपुर आलू मंडी में महा पंचायत करने आए थे। उसी समय आलू की घटतौली को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया गया था और बताया था कि कानपुर मंडी में 50 किलो आलू का पैकेट देते हैं, तो 50 किलो आलू का दाम मिलता है, लेकिन फर्रुखाबाद में 50 किलो आलू पैकेट में लेकर 47 किलो आलू का दाम दिया जाता है। यह किसान देने को तैयार नहीं है। किसानों की मांग है कि 50 किलो पैकेट आलू की भर्ती लो और 50 किलो आलू का दाम दो और इसको लेकर पूर्व में सहमति बन गई थी। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा था कि सचिव से बैठक के बाद यह नियम लागू कर देंगे और किसानों को 50 किलो आलू के पैकेट पर 50 किलो आलू का दाम मिलेगा। कल एजेंडा भी मंडी में घुमाया गया, लेकिन आज नये हिसाब से किसानों के आलू की खरीद जब शुरु की गयी, तो व्यापारी बोले कि हम इसे नहीं मानेंगे और 50 किलो के पैकेट पर 47 किलो आलू के ही दम देंगे और आज आलू का भाव भी गिरा दिया है। कानपुर आलू मंडी में आज 1330 रुपए प्रति कुंतल का भाव खुला है, लेकिन यहां 1200 रुपये प्रति कुंतल का भाव खोला गया। व्यापारी यहां पर मनमाने तरीके से भाव गिराकर ही आलू खरीद रहे हैं और 50 किलो के पैकेट पर 47 किलो आलू का दाम भी दे रहे हैं। इस हिसाब से किसान पेमेंट को लेने को तैयार नहीं है।
दरअसल मंडी सचिव के द्वारा जारी किये गये एजेंडे में कहा है कि किसानों को 50 किलो आलू का पूरा भुगतान हो। किसानों के द्वारा मंडी में बिक्री के उपरांत किसानों को 6 आर प्राप्त करायें, किसानों को मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के तहत कूपन जारी किये जायें, इसके साथ मंडी समिति में आने वाले किसानों की खुली बिक्री के लिए टीम गठित की गयी है। टीम का सहयोग करें। यदि कोई व्यापारी सहयोग नहीं करता है तो कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। सचिव के एजेडें पर आढ़तियों और व्यापारियों के हस्ताक्षर भी कराये गये। सचिव के एजेंडा जारी करने के बाद आढ़ती और व्यापारी आक्रोशित हो गये। व्यापारियों नें आलू की तय शर्तों पर खरीद करनें से मना कर दिया। जिसके बाद शुक्रवार को आलू मंडी में निर्धारित समय पर खरीद शुरू नहीं हुई। बड़ी संख्या में आढ़ती और व्यापारियों ने काम बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। जिससे घंटों काम बाधित रहा, लेकिन मंडी सचिव के एजेंडे के हिसाब से कोई बिक्री नहीं हुई। किसान यूनियन जिलाध्यक्ष अजय कटियार, किसान नेता अरविन्द शाक्य, लक्ष्मी शंकर जोशी, प्रभाकांत मिश्रा आदि भी आलू मंडी पहुंचे। सुबह सबसे पहले आलू आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर वर्मा रिंकू ने कहा कि आज पूर्व की तरह की तौल होगी। इसके बाद अधिकारियों से वार्ता के बाद कोई रास्ता निकाला जायेगा। इंडियन पोटैटो ग्रोवर एंड एक्सपोटर्स सोसाइटी के अध्यक्ष सुधीर शुक्ला ने बताया कि सचिव ने यह फरमान जारी किया है। आज दोपहर में वार्ता प्रस्तावित थी, तो उसके बाद ही कोई एजेंडा जारी किया जाता है। उसका प्रचार होता। किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अजय कटियार ने बताया कि वह दोपहर में सेंट्रल जेल चौराहे के निकट हाई-वे जाम करेंगे और फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग भी बंद करेंगे। मंडी सरकारी होने बाद भी निजी लोगों के हाथ में चल रही है। मंडी पर पैसे वाले लोगों नें कब्जा कर लिया। आढ़ती और व्यापारी सुबह खड़े रहे जबकि मंडी सचिव गायब मिले। मंडी सचिव सूरज सहाय सक्सेना ने दावा किया कि एजेंडे को शत प्रतिशत लागू किया गया है। यदि कोई आढ़ती इसको नहीं मांनेगा तो उसके लाइसेंस को निलंबित किया जायेगा।

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