भारत-अफगानिस्तान के बीच मजबूत होंगे रिश्ते, भारत ने गिफ्ट कीं 5 एंबुलेंस

समृद्धि न्यूज। अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने दिल्ली में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि अफगानिस्तान की हिम्मत को न परखा जाए। उन्होंने भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने की बात कही और चाबहार पोर्ट से व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी ने कहा है कि वह भारत की राजधानी दिल्ली में आकर बेहद खुश हैं। यह उनका भारत का पहला दौरा है बतौर विदेश मंत्री।

उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस0 जयशंकर और भारत सरकार की गर्मजोशी और मेहमाननवाजी के लिए धन्यवाद दिया। मुत्ताकी ने बताया कि दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई, जिसमें आर्थिक, राजनीतिक, राजनयिक, क्षेत्रीय और सुरक्षा से जुड़े विषय शामिल थे। मुत्ताकी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अफगानिस्तान इस्लामी उसूलों के आधार पर सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। भारत के पास इस सकारात्मक रास्ते पर आगे बढऩे का सुनहरा मौका है। हम उम्मीद करते हैं कि एक संतुलित नीति दूसरों को भी प्रेरित करेगी।

उन्होंने हाल ही में सीमा पर हुए हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, सीमा के दूर-दराज इलाकों में हमला हुआ है। हम पाकिस्तान के इस कदम को गलत मानते हैं। मसले इस तरह हल नहीं हो सकते। हमने बातचीत का दरवाजा खुला रखा है। पाकिस्तान को अपने मसले खुद हल करने चाहिए। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए हवाई संपर्क (एयर कॉरिडोर) को भी मजबूत करने पर सहमति बनी है।

मुत्ताकी ने बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगानिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का भरोसा दिया है। उन्होंने हाल ही में आए भूकंप के पीडि़तों को भारत की ओर से दी गई मदद के लिए भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाई गई पाबंदियों को हटाने के लिए भारत और अफगानिस्तान को मिलकर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा, चाहबहार पोर्ट एक अच्छा रास्ता है। भारत और अफगानिस्तान को मिलकर रुकावटें दूर करने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि अमेरिका ने कुछ पाबंदियां लगाई हैं। भारत और अफगानिस्तान को अमेरिका के साथ मिलकर बात करनी चाहिए।

इस रास्ते का इस्तेमाल दोनों देशों की जरूरत है। सभी व्यापारिक रास्ते खुले होने चाहिए। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी ने आगे कहा कि बगराम के बारे में, मेरा कहना है कि अफगानिस्तान के लोगों ने कभी भी विदेशी सेना को स्वीकार नहीं किया है। और वे इससे आगे भी स्वीकार नहीं करेंगे…अगर कोई हमारे साथ संबंध रखना चाहता है, तो वह राजनयिक मिशन के जरिए आ सकता है, लेकिन सैन्य वर्दी में नहीं, यह हमें स्वीकार्य नहीं है। इस मौके पर भारत ने अफगानिस्तान के प्रति एक बार फिर अपना दोस्ताना रवैया दिखाया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुत्ताकी को 5 एंबुलेंस सौंपीं, जो 20 एंबुलेंस के तोहफे का हिस्सा हैं।

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