पुलिस अभिरक्षा में मारपीट का मामला कोर्ट ने दिया आदेश
उन्नाव, समृद्धि न्यूज। पुरवा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत एक मामले में पुलिस अभिरक्षा में हुई मारपीट के आरोप में तत्कालीन पुरवा कोतवाल सहित तीन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-2 उन्नाव ने कोतवाली प्रभारी पुरवा को आरोपों की विधिक विवेचना कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार पुरवा कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पश्चिम टोला निवासी वादी रिंकू (30) वर्ष पुत्र स्वर्गीय जागेश्वर, द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत एक आवेदन में वादी ने बताया कि बीते 01 नवंबर 2024 को दोपहर लगभग तीन बजे वह अपने पारिवारिक सदस्य राजेश के साथ पुरवा कोतवाली के गेट के पास बातचीत कर रहा था।
इसी दौरान कोतवाली में तैनात सिपाही हर्ष और हिमांशु तिवारी वहां पहुंचे और दोनों को कोतवाली ले गए बताया कि “इंस्पेक्टर साहब ने बुलाया है।” वादी के अनुसार, कोतवाली के अंदर ले जाकर इंस्पेक्टर राकेश कुमार गुप्ता सहित दोनों सिपाहियों ने उन्हें और उनके परिजनों को कंप्यूटर रूम में बंद कर दिया और मारपीट शुरू कर दी।
आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने वादी रिंकू को डंडों और पैरों से बेरहमी से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन किसी तरह वहां से छूटकर बाहर निकले और घायल रिंकू को उपचार के लिए ले जाया गया।
वादी ने अपने आवेदन में यह भी बताया कि मारपीट के बाद पुलिस ने उन पर झूठे आरोप लगाकर शांति भंग की धारा में चालान कर दिया, जबकि उनके शरीर पर गंभीर चोटों के स्पष्ट निशान थे। इस घटना की सूचना उच्च अधिकारियों को देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद वादी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जहां न्यायालय ने प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट और घटनाक्रम का अवलोकन करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया पुलिसकर्मियों द्वारा एससी/एसटी एक्ट के तहत गंभीर अपराध किए जाने की संभावना प्रतीत होती है। न्यायालय ने वादी रिंकू द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इंस्पेक्टर राकेश कुमार गुप्ता वर्तमान में सीतापुर के अटरिया थाने में कोतवाली प्रभारी के पद पर तैनात हैं।
