बसपा सुप्रीमो को मिशन मूवमेंट पार्टी को समाप्त करने के लिए याद करेगा समाज: शादाब सिद्दीकी

नवाबगंज, समृद्धि न्यूज। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने समधी पार्टी के सबसे भरोसेमंद राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद राज्यसभा अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने बाद अपने भतीजे पार्टी के उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को भी पद मुक्त कर दिया था। सोमवार को बसपा सुप्रीमो ने आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया। जिसके विरोध में बसपा के पूर्व जिला प्रभारी शादाब सिद्दीकी ने कहा कि लगातार समाप्त होता बाबा साहब का मिशन मूवमेंट एवं पार्टी इसके लिए कोई और नहीं पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष जिम्मेदार हैं। यह पार्टी ने ही दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के हक, अधिकार मान, सम्मान व महापुरुषों के बलिदान और योगदान के साथ सामाजिक राजनीतिक हिस्सेदारी मिशन मूवमेंट को खत्म किया। लगातार बाबा साहब के साथी एवं मिशन मूवमेंट के समर्थकों को पार्टी से बाहर करना, जिस पार्टी की प्रदेश में चार बार सरकार रही हो उसके बाद भी एक विधायक को छोडक़र उस पार्टी का किसी भी सदन में कोई सदस्य ना होना, प्रदेश में वोट प्रतिशत भी 9 प्रतिशत व देश में 0 प्रतिशत के करीब रह जाना और खुद कमरे में बैठकर दूसरों की सुनी सुनाई बातों पर किसी को भी पार्टी से बाहर कर देना, क्या यह बाबा साहब का मिशन था। बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए दो रास्ते थे एक बाबा साहब के मिशन को जीवित रख के महापुरुष की श्रेणी में बने रहने का और दूसरा बाबा साहब के मिशन को समाप्त करके विलन कहलाने का, लेकिन मायावती ने महापुरुष की श्रेणी को छोडक़र के विलेन की श्रेणी को अपनाने का काम किया है। मायावती को इतिहास बाबा साहब के मिशन मूवमेंट को समाप्त करने के लिए याद रखेगा। अगर बसपा सपु्रीमो चाहतीं हैं कि इतिहास उन्हें महापुरुष कहे और बाबा साहब की तरह समाज उन्हें अपना आदर्श माने तो अपने तमाम फैसलों पर पुनर्विचार करें और फिर से बहुजन मिशन को जीवित करने के लिए संघर्ष करें और आकाश आनंद जैसे व्यक्तित्व को नौजवानों के बीच में भेज करके बहुजन मिशन को फिर से जीवित करने का काम करें, नहीं तो इतिहास माफ नहीं करेगा।

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