किसानों की फसलों के साथ-साथ उनकी जान के दुश्मन बने आवारा गोवंश

दर्जनों की संख्या में भ्रमण कर बर्बाद कर रहे फसलें, पकड़वाने की उठायी मांग
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। किसानों ने जनप्रतिनिधियों की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए जिला प्रशासन से आवारा खूंखार गोवंशों को तत्काल पकड़वाये जाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार शमशाबाद क्षेत्र के ग्रामीण इलाको में आवारा गोवंशों की समस्या आम जनमानस के लिए नासूर बन गई, क्योंकि शहर से लेकर गांव तक और गांव से लेकर किसानों के खेत तक बड़ी संख्या में आवारा खूंखार गोवंश विचरण करते हुए देखे जा रहे हैं। गांव की गलियों से लेकर किसानों के खेतों तक बर्बादी का कारण बने आवारा गोवंश जिन्हें पकड़वाये जाने के लिए ग्रामीण किसानों द्वारा समय-समय पर मांग की जाती रही। अफसोस प्रशासन द्वारा इस ओर आज तक ध्यान नहीं दिया गया। परिणामस्वरुप आज भी किसानों के खेतों में आवारा गोवंश तैयार फसलों की बर्बादी का कारण बने हुए हैं। किसानों का कहना है कि आवारा गौवंशों से फसलों को सुरक्षित बचाने के लिए रात दिन रखवाली कर रहे हैं। इसके बावजूद भी कहीं ना कहीं देर सबेर आवारा गोवंशों का झुंड खेतों में घुसकर उनकी फसलों को बर्बाद का रहा है। ग्रामीण किसानों का कहना है कई बार रखवाली के दौरान किसानों को आवारा खूंखार गोवंशों का शिकार होना पड़ रहा है। शमशाबाद क्षेत्र के निवासी आनंद नामक किसान को उस वक्त आवारा खूंखार सांड ने दौड़ाकर गम्भीर रुप से घायल कर दिया था, जब वह अपनी फसल की रखवाली के लिए खेत की ओर गया था। बताते हैं क्षेत्र में कलुआपुर, असगरपुर, नगला नान, बछलैया, रोशनाबाद, सुतहड़ी, उलियापुर, बलीपुर भगवंत, हजियांपुर, कुइयांधीर, पसियापुर, सहित तमाम इलाकों में आजकल आवारा गोवंशों का झुंड देखा जा रहा है। ग्रामीण किसानों के अनुसार घरों से निकलने के बाद गलियों से गुजरते समय पहले आवारा गौवंशों के झुंड से ही सामना होता है। लोगों का कहना था एक समय था जब इस क्षेत्र में गरीब किसानों की बर्बादी का कारण बंदरों का हुजूम और जंगली सुअर हुआ करते थे, लेकिन आजकल आवारा गोवंश बर्बादी की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। किसान बताते हैं वर्तमान में आवारा गोवंशों से फसलों को बचाने के लिए सर्दी के मौसम में रात भर जागना पड़ रहा है। जब खेतों में आवारा गौवंशों का झुंड घुसता, तो उन्हें भगाने के लिए ढोल बजाने के साथ शोर मचाना पड़ता है। अधिकांश गौवंश भागने की बजाय किसानों की जान के दुश्मन बन जाते हैं। फिलहाल ग्रामीण किसानों ने जिला प्रशासन से आतंक के पर्याय बने आवारा खूंखार गोवंशों को पकड़वाकर क्षेत्रीय गौशालाओ में छुड़वाये जाने की मांग की है।

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