सरह के चर्चित हत्याकांड में प्रधान सहित दस आरोपियों को आजीवन कारावास

अनिरुद्ध उर्फ बोखा को 83 हजार व अन्य को 73 हजार रुपए से किया गया दंडित
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। पिता पुत्र के हत्यारे को अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश विशेष ई0सी0 एक्ट न्यायाधीश तरुण कुमार प्रथम ने दोहरे हत्याकांड के मामले में अरविंद, गोविंद, गोपाल, समर सिंह उर्फ समरे, अनिरुद्ध उर्फ बौका, सरविंद पुत्रगण सुखपाल, महेंद्र सिंह, धीरेन्द्र सिंह पुत्रगण हरिपाल, शिवेंद्र पुत्र शिवपाल समस्त निवासीगण ग्राम सराह कोतवाली फतेहगढ़ को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जानकारी के अनुसार बीते दो वर्षों पूर्व कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के ग्राम सरह निवासी त्रिपुरारी पुत्र बृजनंदन ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि 23 जुलाई सुबह लगभग 8 बजे मेरी आंखों के सामने मेरे पिता ब्रजनन्दन, भाई चंदन अपनी दुकान पर बैठे थे, तभी उपरोक्त लोग एक राय होकर दुकान पर आए तथा मेरी आंखों के सामने दुकान पर धारदार हथियार व नाजायज असलाह से सभी अभियुक्तगणों ने जान से मारने की नियत से एक राय होकर प्रहार कर दिया। वादी के पिता व भाई ने जान बचाने के लिए भागने की कोशिश की, तो सभी आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। कुल्हाड़ी, तलवार से हमला करने लगे। अवैध असलहों से गोलियां एक राय होकर मारीं। पिताजी की जेब से 8800 रुपए जबरदस्ती छीन लिए थे। कुछ दिन पहले 19 जुलाई 2023 को दुकान में घुसकर वादी के पिता बृजनंदन के ऊपर सभी अभियुक्तों ने जान से मारने की नियत से हमला किया था तथा 3800 रुपए जेब से जबरदस्ती छीन लिए थे जिसका प्रार्थना पत्र पुलिस के उच्चाधिकारियों को दिया था। जिसे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। मंै अपने पिता व भाई को मरणासन्न अवस्था में लेकर डॉ0 राममनोहर लोहिया अस्पताल ेलेकर पहुंचा। हालत गंभीर होने पर उपचार हेतु रेफर कर दिया। उसके बाद उपचार के लिए प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। मेरे पिता बृजनंदन की उपचार के समय मृत्यु हो गई। कुछ दिन उपचार के दौरान चंदन की भी मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या व हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता श्रवण कुमार की पैरवी के आधार पर न्यायाधीश तरुण कुमार प्रथम ने अरविंद, गोविंद, महेंद्र, रामवीर, गोपाल, समर सिंह, अनिरुद्ध, शिवेंद्र, धीरेन्द्र एवं सरविंद को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेकर आजीवन कारावास व अनिरुद्ध उर्फ बोखा को 83 हजार रुपए के अर्थदंड दंडित किया अन्य सभी आरोपियों को 73 हजार रुपए से दंडित किया।

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