फाइटर जेट्स की डिलीवरी में देरी पर वायुसेना प्रमुख ने जताई चिंता, बोले ऐसा वादा करें क्यों जो पूरा न कर सकें

समृद्धि न्यूज। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय की जीत बताया। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय बलों ने मिलकर इसे बहुत ही पेशेवर तरीके से अंजाम दिया। सीआईआई बिजनेस समिट में अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा हम सच्चाई के रास्ते पर चल रहे थे, मुझे लगता है कि इसमें भगवान भी हमारे साथ थे। इस दौरान उन्होंने प्राण जाय पर वचन न जाए और एक बार हमने जो कमिट कर लिया है, उसके बाद अपने आप की भी नहीं सुनता जैसी बातें भी कहीं।
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा खरीद परियोजनाओं में हो रही देरी पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कई बार अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय ही पता होता है कि ये सिस्टम कभी नहीं आएंगे। समय सीमा एक बड़ी समस्या है। उनकी जानकारी में एक भी ऐसी परियोजना नहीं है जो समय पर पूरी हुई हो। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता तो उसका वादा क्यों करना चाहिए। वायुसेना प्रमुख ने स्वदेशी परियोजनाओं में हो रही देरी के कई मामलों का हवाला दिया।
वायुसेना प्रमुख ने रक्षा प्रणालियों में देरी के कई मामलों की ओर इशारा किया, खासतौर पर स्वदेशी परियोजनाओं से जुड़े मामलों की ओर,् लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) कार्यक्रम का हवाला देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा, तेजस एमके-१ए फाइटर जेट की डिलीवरी रुकी हुई है, जो फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ हस्ताक्षरित हुई थी। ऑर्डर किए गए 83 विमानों में से अब तक कोई भी विमान नहीं दिया गया है। डिलीवरी मार्च 2024 में शुरू होने वाली थी।
वायुसेना प्रमुख के अनुसार, देरी ने कई प्रमुख परियोजनाओं को प्रभावित किया है, जिसमें तेजस एमके1ए लड़ाकू विमान भी शामिल है। तीन साल पहले अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने के बावजूद अभी तक ये डिलीवर नहीं हुआ है। स्टील्थ एएमसीए फाइटर का अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है। इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। एयर चीफ मार्शल की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वायुसेना सरकार की आत्मनिर्भर भारत् पहल के तहत तेजी से स्वदेशीकरण और घरेलू क्षमता पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ भारत में उत्पादन के बारे में बात नहीं कर सकते, हमें डिजाइनिंग के बारे में भी बात करनी होगी, हमें सेना और उद्योग के बीच विश्वास की जरूरत है, हमें बहुत खुलापन दिखाने की जरूरत है, एक बार जब हम किसी चीज के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं, तो हमें उसे पूरा करना चाहिए, वायुसेना भारत में निर्माण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है।

अभी से रहना होगा तैयार

एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने आगे कहा कि हमें भविष्य के लिए अभी से तैयार रहना होगा। 10 साल में हमें उद्योग से ज़्यादा उत्पादन मिलेगा, लेकिन हमें आज जो चाहिए, वह आज चाहिए, हमें जल्दी से जल्दी अपने कामों को एक साथ करने की जरूरत है। युद्ध सेनाओं को सशक्त बनाकर जीते जाते हैं। एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह का ये बयान ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही दिन बाद आया है। इस अभियान के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला करके 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया था और उसने ड्रोन से अटैक की कोशिश की। उसे हर हमले को नाकाम किया गया। पाकिस्तान की नाकाम कोशिश के बाद भारत ने रौद्र रूप अपनाया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में फिर घुसकर हमला किया और कई एयरबेस को तबाह कर दिया।

वायुसेना प्रमुख ने कहा हम जिस ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बात कर रहे हैं, यह एक राष्ट्रीय जीत है। मैं हर भारतीय का शुक्रिया अदा करता हूं। मुझे यकीन है कि हर भारतीय इस जीत की उम्मीद कर रहा था। उन्होंने कहा जैसा कि बार-बार कहा जाता रहा है कि यह एक ऐसा ऑपरेशन था, जिसे सभी ने बहुत ही पेशेवर तरीके से अंजाम दिया, सभी एजेंसियां, सभी बल, हम सभी एक साथ आए और जब सच्चाई आपके साथ होती है, तो सब कुछ अपने आप हो जाता है। उन्होंने कहा कि चाहे वह जमीन की ताकत हो या जल की, वायुसेना हमेशा रहेगी। वायु सेना को इन दोनों के लिए दिलचस्प होना होगा। हम जो भी ऑपरेशन करते हैं, हम उसे वायु सेना के बिना नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि इस ऑपरेशन के दौरान भी यह बहुत अच्छी तरह से साबित हुआ है। हम सिर्फ भारत में उत्पादन के बारे में बात नहीं कर सकते।

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