तिब्बत में कहर: भूकंप के झटके से अब तक 53 लोगों की हो चुकी है मौत

तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप में 53 लोगों की मौत हुई है। 62 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर में था। मंगलवार सुबह से ही तिब्बत क्षेत्र के शिजांग में भूकंप झटके महसूस किए जा रहे हैं।

तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये। इस भीषण भूकंप में 53 से अधिक लोगों की मौत हो गई। जबकि 62 लोग घायल हुए हैं। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार मंगलवार सुबह 9:05 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 6.8 मापी गयी, चीन की सरकारी मीडिया मुताबिक तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप में 53 लोगों की मौत हुई है। 62 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर में था, इससे पहले नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि मंगलवार सुबह से ही तिब्बत क्षेत्र के शिजांग में भूकंप झटके महसूस किए जा रहे हैं। यहां सुबह 6:30 बजे 7.1 तीव्रता के साथ 10 किमी गहराई पर भूकंप आया। इसके बाद 7:02 बजे 4.7 तीव्रता, 07:07 बजे 4.9 तीव्रता और 7:13 बजे पांच तीव्रता का भूकंप आया। इसके चलते लोग घरों को छोड़कर खुले स्थानों की ओर चले गए।

नेपाल के नीचे धरती से आया तिब्बत में भूकंप

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पड़ोसी देश नेपाल में आज सुबह करीब साढ़े 6 बजे 7.1 की तीव्रता वाला भूकंप आया। इस भूकंप का असर भारत, तिब्बत, बांग्लादेश, भूटान तक देखने का मिला। भारत में सबसे ज्यादा झटके बिहार में लगे, जहां भूकंप की तीव्रता 5 से ज्यादा रही। बिहार के अलावा दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल में भी झटके महसूस किए गए। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप सुबह 6.35 बजे, नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में आया। भूकंप का केंद्र उस स्थान पर मिला, जहां भारत और यूरेशिया प्लेटें टकराती हैं। इस टकराव से हिमालय के पर्वतों में इतनी ऊंची लहरें उठती हैं कि विश्व की कुछ सबसे ऊंची चोटियों की ऊंचाई बदल जाती है। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) के अनुसार, नेपाल की सीमा के पास डिंगरी काउंटी में सुबह 9:05 बजे 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जो अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप रहा।

तिब्बत का सबसे पवित्र शहर

2020 के आंकड़ों के अनुसार डिंगरी में लगभग 60,000 लोग रहते हैं. चीन मौसम विज्ञान प्रशासन के अनुसार, डिंगरी में तापमान शून्य से 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और आज शाम को शून्य से 18 डिग्री नीचे तक गिर जाएगा. चीन के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं. 2008 में सिचुआन प्रांत में आए भीषण भूकंप में लगभग 70,000 लोग मारे गए थे. ‘सीसीटीवी’ के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में शिगाजे में तीन या उससे अधिक तीव्रता वाले 29 भूकंप आए हैं. शिगाजे तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है. यहां पंचेन लामा की सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक है, जिसका आध्यात्मिक अधिकार दलाई लामा के बाद दूसरे स्थान पर है.

नेपाल के किन शहरों में भूकंप?

नेपाल के जिन शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए वो काठमांडू, काभ्रेपलान्चोक, सिंधुपालंचोक, धाडिंग और सोलुखुंबु हैं. भूकंप के झटके आने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. लोगों ने कुछ समय तक सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और बिजली के तारों को हिलते हुए देखा. यूएसजीएस रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सात बजे के आसपास एक घंटे के भीतर कम से कम छह बार चार से पांच तीव्रता वाले भूकंप के झटके दर्ज किए गए.यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि नेपाल के लोग घबरा गए. इसने 2015 में आए भीषण भूकंप की याद ताजा कर दी, जिसमें 9,000 लोग मारे गए थे. हालांकि, नेपाल पुलिस के प्रवक्ता का कहना है कि अब तक उन्हें किसी बड़े नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है. नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिश्वो अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र तिब्बत में होने के कारण उत्तरी नेपाल में रहने वाले लोगों ने अधिक तीव्र झटके महसूस किए.

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