उन्नाव, समृद्धि न्यूज। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में सबसे अधिक खपत होनी वाली दस बोरी दवाएं स्वास्थ्य कर्मियों ने जला देने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सत्य प्रकाश ने घटना का संज्ञान लेते हुए सीएचसी अधीक्षक और फार्मासिस्ट को हटाकर उन्हें सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। बताते चले कि इन दवाओं में लेवोसेटिरिजिन टैबलेट, लिग्नोकेन जेल, पैरासीटामॉल टैबलेट और मेट्रोनाइडाजोल सिरप आदि शामिल हैं। इनमें खराब होने की तिथि 2026 और 2027 लिखी हुई थी। सूत्रों ने बताया कि जलाई गई दवाओं में कई आवश्यक दवाएं शामिल थीं, जिनका उपयोग मौसमी बीमारियों में सर्वाधिक होता है। सफीपुर सीएचसी में करीब 250 से 300 मरीज उपचार के लिए प्रतिदिन पहुंचते हैं, जिनमें से कइयों को इन्हीं दवाओं की जरूरत होती है। घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मच गया। सीएमओ के निर्देश पर एसीएमओ डॉ0 एचएन प्रसाद मौके पर पहुंचे और प्रारंभिक जांच शुरू की। सीएमओ डा0 सत्य प्रकाश ने बताया कि इस मामले में सफीपुर सीएचसी प्रभारी डॉ0 राजेश वर्मा और फार्मासिस्ट प्रेम शंकर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और जांच होने तक सीएमओ कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है।
