चतुर्थ दिवस पर राम की बाल लीला की कथा सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सनातन परिवार फाउण्डेशन के तत्वाधान में नव दिवसीय कथा के चतुर्थ दिवस पर कथाव्यास शिवानंद भाई ने अपने मुखार बिन्दु से राम बाल लीला व अहिल्या उद्वार की कथा का बखान किया। आवास विकास सेक्टर ५ में चल रही कथा के चतुर्थ दिवस पर कथाव्यास ने भगवान राम की बाल लीलाओं, विश्वामित्र यज्ञ रक्षा, अहिल्या उद्धार आदि प्रसंगों का बहुत सुंदर वर्णन किया। विश्वामित्र जी वन में यज्ञ करते हैं, लेकिन राक्षस उनके यज्ञ में बाधा डालकर उसको पूर्ण नहीं होने देते हैं। विश्वामित्र जी ध्यानस्थ होकर देखते है तो उन्हें पता चलता है कि दशरथ पुत्र राम स्वयं विष्णु अवतार हैं और उनके बिना राक्षसों का संघार नहीं हो सकता है।
दशरथ जी से राम, लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए मांगते है। भगवान राम रास्ते में तडक़ा जैसी भयंकर राक्षसी का वध कर देते हैं, साथ ही अन्य राक्षसों का वध कर यज्ञ को पूर्ण करवाते हैं। मुनि विश्वामित्र के साथ जाते समय रास्ते में गौतम ऋषि के श्राप वश पाषाण शिला बनी अहिल्या का अपनी चरण रज से उद्धार करते हैं। इसके बाद जनकपुर में विश्वामित्र जी के साथ आगमन होता है। रामजन्म की कथा के उपरान्त सभी देवी देवता रामजी के बाल दर्शन करने आये। भगवान शंकर भी दर्शन के लिए आये। गीत गाया गया कि तनिक देर ठहरो रामा, तमन्ना यही है, अभी हमने जी भर के देखा नहीं है। रामजी सदा शिव का ध्यान करते है और राम की महिमा अपरंपार है। कथा में भक्तों ने व्यास गद्दी की आरती उतारी। इस मौके पर डा0 राजीव कुमार पाठक, जवाहर मिश्रा, डा0 गौरव अग्रवाल, रविशंकर चौहान, भानू प्रताप सिंह, आशीष गुप्ता, रोहित गुप्ता, विमलेश मिश्रा, अभिषेक बाजपेयी, नवीन कटियार सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।
तनिक ठहरो राम तमन्ना यही है, अभी हमने जी भर के देखा नहीं
