वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास, आज राज्यसभा में पेश होगा वक्फ बिल

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया है. पहले बारी-बारी से व्यक्तिगत सदस्यों के संशोधनों पर ध्वनिमत से मतदान किया गया. जहां सभी विपक्षी नेताओं के संशोधन को खारिज कर दिया गया. वहीं, यथा संशोधित वक्फ बिल के पक्ष में कुल 288 वोट पड़े वहीं, विपक्ष में 232 वोट पड़े हैं. अब इसे गुरुवार को संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) में पेश किया जाएगा. इस बिल को जेपीसी में हुई लंबी चर्चा और रायशुमारी के बाद बुधवार को इसे संसद के निचले सदन (लोकसभा) में पेश किया गया था, जिस पर लंबी चर्चा और हंगामा हुआ. विपक्ष ने बिल को असंवैधानिक करार दिया. एआईएमआईएम मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तो विरोध करते हुए बिल की कॉपी सदन में फाड़ दी. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में बोलते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. आइए जानते हैं इस बिल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से क्या-क्या कहा गया.

किसी धर्म में हस्तक्षेप नहीं

रिजिजू ने बुधवार दोपहर विधेयक पेश करते हुए चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा, विधेयक का मकसद किसी धर्म में हस्तक्षेप नहीं, बल्कि वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन है। पुराने कानून की सबसे विवादित धारा 40 का जिक्र करते हुए रिजिजू ने कहा, इस कठोर प्रावधान के तहत वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता था। न्यायाधिकरण ही इसे रद्द या संशोधित कर सकता था, हाईकोर्ट में अपील नहीं की जा सकती थी। इसे हटा दिया गया है। मुस्लिम समुदाय की कोई जमीन नहीं छीनी जाएगी। विपक्षी गुमराह कर रहे हैं।
    1. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक-2025 पेश किया. उन्होंने कहा, ये बिल मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. बिल में गरीब मुसलमान का ध्यान रखा गया है. कुछ सदस्यों ने चर्चा के दौरान तर्कहीन मुद्दे उठाए. ये बिल अंसवैधानिक कैसे हो गया. अगर बिल अंसवैधानिक था तो फिर कोर्ट में क्यों नहीं गए. बिल का मसकद वक्फ संपत्तियों के कामकाज में सुधार, जटिलताओं को दूर करना और पारदर्शिता लाना है.
    2. समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ये सरकार अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए विधेयक लाई है. ये बीजेपी का सियासी हठ और उसकी सांप्रदायिक राजनीति का नया रूप है. वक्फ से जुड़े जिन मुद्दों पर फैसला होना था, उन्हें इसमें अहमियत नहीं दी गई है. वक्फ की जमीन से बड़ा मुद्दा वो जमीन है, जिस पर चीन ने अपने गांव बसा लिए हैं. मगर, कोई भी इस पर सवाल-बवाल न करे, इसलिए ये बिल लाया गया है.
    3. एआईएमआईएम मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 को लेकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ये अल्पसंख्यकों पर देश का सबसे बड़े हमला है. मैं बिल का विरोध करता हूं. मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने बिल की कॉपी फाड़ दी.
    4. वक्फ संशोधन बिल पर बनाई गई जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा, वक्फ ने संविधान का उल्लंघन किया. सरकार के पास दोनों सदनों में बहुमत है और इसे सीधे पास कराया जा सकता था लेकिन इसके लिए बहस कराई गई. विचार-विमर्श के बाद इसे पेश किया गया. जेपीसी में विपक्ष को बोलने का मौका दिया गया. जेपीसी ने वक्फ से जुड़े सभी सुझावों को स्वीकार कर लिया. उन्होंने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिल फाड़कर ओवैसी ने असंवैधानिक काम किया.
    5. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा, हम वोट बैंक के लिए कानून लेकर नहीं आए हैं. कानून न्याय और कल्याण के लिए होता है. संसद का कानून सबको मानना पड़ता है. विपक्ष कानून नहीं मानने को लेकर धमका रहा है. भारत सरकार का कानून सभी को मानना पड़ेगा. जमीन का मालिकाना हक तय करने का अधिकार कलेक्टर के पास है. जमीन का सत्यापन कलेक्टर की ओर से होना ही चाहिए. सत्यापन जरूरी है. अगर कलेक्टर वक्फ की संपत्ति का सत्यापन करता है तो आपत्ति क्यों है.
    6. अमित शाह ने कहा,वक्फ संशोधन विधेयक-2025 को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. मैं साफ कहना चाहता हूं कि वक्फ मुस्लिम भाइयों की धार्मिक क्रिया-क्लाप और उनके बनाए हुए दान से ट्रस्ट है. उसमें सरकार कोई दखल नहीं देना चाहती है.इसमें मुतवल्ली भी उनका होगा, वाकिफ भी उनका होगा, वक्फ भी उनका होगा.

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