मथुरा में महिला PCS अधिकारी 70 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

लखनऊ की एंटी करप्शन टीम ने मथुरा की एक महिला पीसीएस अधिकारी को 70 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. मथुरा की डीपीआरओ किरण चौधरी को लखनऊ विजिलेंस टीम ने उनके आवास से पकड़ा. फिर विकास भवन स्थित उनके कार्यालय लेकर पहुंची. जहां कुछ दस्तावेजों को जब्त कर टीम किरण चौधरी को लेकर लखनऊ रवाना हो गई. डीपीआरओ पर हुई इस कार्रवाई के बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. विजिलेंस की टीम ने कार्रवाई से पहले उनकी आवास को घेर रखा था. उसके बाद शिकायतकर्ता को 70 रुपए देकर उनके घर भेजा. जैसे ही किरण चौधरी ने रुपए अपने हाथों में लिए तो टीम ने उन्हें पकड़ लिया. इसके बाद टीम राजीव भवन स्थित डीपीआरओ ऑफिस पहुंची और कार्यालय से फाइल को जब्त कर अधिकारी को अपने संग लेकर लखनऊ लौट गई.

मथुराः जिले में पीसीएस महिला अधिकारी को रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया है. हाईवे थाना क्षेत्र इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में लखनऊ की विजिलेंस टीम ने मंगलवार को जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को 70 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. पिछले कई दिनों से शिकायत की जा रही थी कि डीपीआरओ पीसीएस किरण चौधरी काम के बदले पैसे मांग रही हैं. शिकायतकर्ता ने लखनऊ की विजिलेंस टीम से संपर्क किया था. इसके बाद मंगलवार को मथुरा डीपीआरओ के निजी आवास पर विजिलेंस की टीम पहुंची और रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है. विजिलेंस टीम किरण चौधरी को टीम अपने साथ लखनऊ ले गई.
जानकारी के मुताबिक, शिकायत मिलने के बाद मंगलवार को लखनऊ विजिलेंस की टीम मथुरा हाईवे थाना क्षेत्र इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में पहुंची. टीम ने डीपीआरओ किरण चौधरी के निजी आवास के पास जाल बिछा दिया. इस दौरान जैसे ही डीपीआरओ ने शिकायतकर्ता से रिश्वत ली तुरंत विजिलिंस की टीम ने दबोच लिया. इस दौरान टीम मे शामिल चार अधिकारियों ने किरण चौधरी के आवास की तलाशी ली तो लाखों रुपये नगदी भी मिली.  बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने लखनऊ में जाकर मथुरा में तैनात डीपीआरओ किरण चौधरी के रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता के प्राथना पत्र पर लखनऊ विजिलेंस टीम ने आवास पर आकर कार्रवाई की है. डीपीआरओ के आवास से महत्वपूर्ण फाइल भी बरामद की है. एंटी करप्शन की टीम डीपीआरओ को अपने साथ लखनऊ ले गई है.

डीपीआरओ के चालक को दिए थे रुपये

प्रधान ने डीपीआरओ के चालक बिजेंद्र को 70 हजार रुपये की रकम दी। इसके बाद चालक ने वह रुपये ले जाकर डीपीआरओ को दिए, जिसके बाद डीपीआरओ ने प्रधान को घर के अंदर बुलाया, लेकिन प्रधान अकेला ही कमरे में नहीं घुसा, उसके साथ विजिलेंस टीम भी साथ थी। वहां से प्रधान द्वारा दी गई 70 हजार रुपये की रकम भी बरामद की गई।इसके बाद विजिलेंस टीम ने काफी देर तक उसी कमरे में डीपीआरओ से पूछताछ की और उसके बाद उनको लेकर एक टीम लौट गई, जबकि एक टीम राजीव भवन पहुंची। यहां उन्होंने झुड़ावई ग्राम पंचायत में चल रहे विकास कार्यों की पत्रावलियां देखीं। काफी देर तक जांच के बाद टीम अपने साथ पत्रावलियां ले गईं।

संभल में सहकारी समिति के सचिव को 5 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार, डेढ़ साल होने वाले थे रिटायर

संभल में एंटी करप्शन टीम ने सहकारी समिति के सचिव को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. नखासा थाना इलाके के ग्राम शरीफपुर स्थित बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड शरीफपुर में राकेश पाल सिंह सहकारी समिति के सचिव के तौर पर तैनात हैं. जो कि 30 जून 2026 को सेवानिवृत होने वाले थे. सहकारी समिति के कर्मचारी योगेंद्र सिंह ने एंटी करप्शन टीम को शिकायत की थी कि सचिव राकेश पाल सिंह उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि को वेतन में जोड़ने के नाम पर 5000 की रिश्वत मांग रहे हैं. इसके बाद मुरादाबाद एंटी करप्शन टीम के प्रभारी सुशील कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को टीम गांव शरीफपुर स्थित सहकारी समिति के सचिव राकेश पाल सिंह को 5000 को रिश्वत के साथ मौके से धर दबोचा. एंटी करप्शन टीम आरोपी सचिव को अपने साथ लेकर नखासा थाना पहुंची. नखासा थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है

मुरादाबाद एंटी करप्शन टीम के प्रभारी सुशील कुमार के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में टीम ने आरोपी को मौके पर ही दबोच लिया। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया। थाना नखासा प्रभारी गजेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है। यह घटना सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है। जहां रिटायरमेंट से महज डेढ़ साल पहले भी एक वरिष्ठ अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा गया। मुरादाबाद की एंटी करप्शन टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए सचिव का नाम राकेश पाल सिंह पुत्र गज्जू सिंह है। रिश्वतखोरी की शिकायत करने वाले विभाग के अकाउंटेंट का नाम योगेंद्र सिंह पुत्र परम सिंह निवासी गांव सिंहपुर सानी, थाना नखासा, जनपद संभल है।

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