असम में एक डरावनी घटना हुई है. यहां मेघालय बॉर्डर से सटे उमरांगसो दीमा हसाऊ की एक कोयला की खदान में अचानक से पानी भर गया. घटना के वक्त खदान के अंदर दर्जनों की संख्या में मजदूर काम कर रहे थे. गनीमत रही कि कुछ मजदूर समय रहते बाहर निकल आए, लेकिन अभी करीब एक दर्जन मजदूरों के फंसे होने की आशंका है. सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं जिला प्रशासन की टीमों ने खदान के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने की कोशिशें तेज कर दी है. सीएम हिमंत विश्वा सरमा ने घटना पर दुख जताते हुए सभी मजदूरों के सुरक्षित वापसी की कामना की है, बताया जा रहा है कि यह खदान करीब 300 फुट गहरी है और इसमें 100 फुट से अधिक पानी भर चुका है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि अभी तक साफ नहीं हो सका है कि कुल कितने मजदूर खदान के अंदर फंसे हैं. हालांकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें खदान में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए व्यापक तैयारी कर रही है.
ये मजदूर फंसे
उन्होंने सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना की. सीएम ने सोशल मीडिया पर ही नौ मजदूरों की लिस्ट जारी की है. कहा कि अभी तक इन्हीं नौ मजदूरों के फंसे होने की पुष्टि हुई है. मुख्यमंत्री द्वारा जारी की गई लिस्ट के मुताबिक खदान के अंदर नेपाल के रहने वाले मजदूर गंगा बहादुर श्रेठ के अलावा आसाम के रहने वाले हुसैन अली, जाकिर हुसैन, सरपा बर्मन, मुस्तफा सेखऔर कुशी मोहन राय खदान के अंदर फंसे हैं. इसी प्रकार पश्चिम बंगाल के जलपाई गुड़ी पश्चिम बंगाल के रहने वाले संजीत सरकार के अलावा असम के लिजन मागर और सरत गोयरी भी शामिल हैं.
सेना ने किया बचाव अभियान शुरुआत
भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने त्वरित और प्रभावी तरीके से बचाव कामों की शुरुआत की है, जिससे प्रभावित परिवारों में उम्मीद की किरण जगी है। सेना के राहत दल लगातार काम कर रहे हैं और जल्द ही खनिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या बोले ले. कर्नल महेंद्र सिंह रावत?
भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ले. कर्नल महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सुबह-सुबह, फंसे हुए खनिकों को बचाने में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए भारतीय सेना की राहत टुकड़ियां असम के दिमा हसाओ जिले के उमरांगसो पहुंच गई हैं। विशेषज्ञ गोताखोर, उपकरण के साथ इंजीनियर टास्क फोर्स, मेडिकल टीम, सेना और असम राइफल्स के सहायक कर्मचारी बचाव प्रयासों में शामिल हो गए हैं और बचाव अभियान की तैयारी कर रहे हैं। नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर सभी प्रयास किए जा रहे हैं।