कायमगंज, समृद्धि न्यूज। कोतवाली क्षेत्र के गांव नरैनामऊ के मूल निवासी प्राथमिक विद्यालय के सेवानिवृत्त अध्यापक कौशल किशोर सक्सेना के पुत्र अखिलेश चंद्र सक्सेना की पुत्री देवांशी ने यूपीएससी परीक्षा में 124वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस बनने का ख्वाब पूरा किया। आईपीएस अखिलेश चंद्र सक्सेना जो कि वर्तमान में बरेली में तैनात हैं की पुत्री देवांशी शुरू से ही पढ़ाई में काफी होशियार थी। उसने बचपन में ही आईएएस बनने का जो ख्वाब देखा उसे उसने हासिल कर लिया। देवांशी ने कहा कि उसका मकसद आईएएस बनकर देश सेवा करना है। उन्होंने कहा कि वे अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार को देती हैं। जिनकी प्रेरणा और प्रोत्साहन से यह कामयाबी हासिल हुई है।
अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद देवांशी ने श्रीराम लेडी कॉलेज दिल्ली से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद आईआईटी अहमदाबाद से उन्होंने परास्नातक किया। देवांशी की इस उपलब्धि मां सुजाता और बीटेक कर जॉब कर रहे भाई अक्षत सक्सेना भी खुशी से झूम उठे। उनके पैतृक गांव नरैनामऊ में जैसे ही यह खबर उनके बाबा कौशल किशोर को मिली उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा। उन्होंने गांव में मिठाई बताकर अपनी खुशी का इजहार किया। उन्होंने बताया कि उनके चार पुत्र है। जिनमें से सबसे बड़े बेटे विष्णु कांत सक्सेना का निधन हो चुका है वह भी सरकारी कॉलेज में प्रधानाचार्य रह चुके थे। इनके अलावा धर्मेंद्र चंद सक्सेना चीफ कैमिस्ट पद पर तीसरे नंबर के अखिलेश चंद आईपीएस है और चौथे नंबर की अरुणेश चंद्र सक्सेना हरियाणा सरकार में चीनी मिल में चीफ कैमिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि अब वह अकेले की ही अपने पैतृक घर में रह रहे। उन्होंने कहा कि देवांशी ने पूरे घर का सपना साकार कर दिया है।
देवांशी का आईएएस बनने का सपना हुआ पूरा, परिवार जश्न में डूबा
