लेजर आधारित हथियार प्रणाली का किया सफल परीक्षण
भारत अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने में लगा है. इस पर काफी ज्यादा जोर दे रहा है. आज आंध्र प्रदेश के कुरनूल में फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, मिसाइल और स्वार्म ड्रोन को मार गिराने की क्षमता रखने वाले 30 किलोवाट लेजर आधारित हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया. जिसके बाद देश भारत अमेरिका, चीन और रूस सहित उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है. इस महाअस्त्र से देश की ताकत और ज्यादा बढ़ेगी. इसे लेकर DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने कई बातें कही है.
आंध्र प्रदेश: भारत ने पहली बार 30 किलोवॉट की लेजर आधारित हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण कर अपनी रक्षा क्षमता में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस प्रणाली के जरिए भारत ने रविवार को फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, मिसाइल और स्वार्म ड्रोन को मार गिराने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। इस सफलता के साथ भारत अब अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की उस विशिष्ट सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने ऐसी लेजर हथियार तकनीक का सफल प्रदर्शन किया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने इस उपलब्धि पर बात करते हुए कहा, “जैसा कि मेरी जानकारी में है, अमेरिका, रूस और चीन ने इस तरह की क्षमता प्रदर्शित की है। इज़राइल भी इस पर काम कर रहा है। मैं कह सकता हूं कि हम दुनिया में चौथे या पांचवे देश हैं, जिन्होंने इस प्रणाली को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है।”
इसके साथ ही डॉ. समीर वी कामत ने भारत के पहले 5वीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) पर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई प्रोजेक्ट 10 से 15 सालों से कम में पूरा नहीं होता। हमने यह यात्रा 2024 में शुरू की है, जब CCS ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी। हमारा लक्ष्य है कि 2035 तक यह विमान तैयार हो जाए।”
उन्होंने बताया कि भारत एक नए एयरो इंजन प्रोग्राम की भी शुरुआत करना चाहता है और इसके लिए किसी विदेशी कंपनी (OEM) के साथ सहयोग की योजना है, ताकि विकास में आने वाले जोखिमों को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि AERO इंजन तकनीक एक बहुत ही जटिल तकनीक है, हालांकि हमने कावेरी इंजन से बहुत कुछ सीखा है। कावेरी चौथी पीढ़ी का इंजन था, लेकिन अब तकनीक छठी पीढ़ी तक पहुंच चुकी है। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में इस पर कोई अच्छी खबर मिल सकती है।
इजरायल भी कर रहा है काम
इसके अलावा कहा कि जहां तक मुझे पता है, अमेरिका, रूस और चीन ने इस क्षमता का प्रदर्शन किया है. इजरायल भी इसी तरह की क्षमताओं पर काम कर रहा है, मैं कहूंगा कि हम इस प्रणाली का प्रदर्शन करने वाले दुनिया के चौथे या पांचवें देश हैं. इससे भारत देश और ऊंचाईयों पर जाएगा.