समृद्धि न्यूज। चुनाव आयोग ने 12 राज्यो-केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। इस प्रक्रिया में आधार के उपयोग को लेकर उठ रहे सवालों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि आधार नागरिकता, जन्म तिथि या अधिवास का प्रमाण नहीं है। चुनाव आयोग ने सोमवार को दूसरे चरण के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का एलान कर दिया है। दूसरे चरण में 12 राज्यों में एसआईआर किया जाएगा। चुनाव आयोग के अनुसार, दूसरे चरण में अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुद्दुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण किया जाएगा। बिहार में जब एसआईआर शुरू हुआ था तो इसके लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स को लेकर खूब सियासत हुई थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। जहां अदालत ने चुनाव आयोग आदेश दिया कि वो 12 वैध दस्तावेजों में से एक के रूप में आधार कार्ड को शामिल करें, अब चुनाव आयोग ने जब 12 राज्यों में एसआईआर का ऐलान किया है तो यह सवाल फिर से उठने लगे हैं। आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इसे लेकर सवाल किया गया जिसका देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने जवाब दिया। देशव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण के पूरे होने के बाद इन 12 राज्यों में नई मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। चुनाव आयोग एसआईआर लागू करने की रूपरेखा तय करने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है।
यूपी समेत 12 राज्यों में 28 अक्टूबर से एसआईआर, नई मतदाता सूची 7 फरवरी को
