रामपुर नगर पालिका की स्वीपिंग मशीन चोरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, (10 फरवरी, 2025) को समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दे दी है. साल 2022 में आजम खान की जौहर अली यूनिवर्सिटी से स्वीपिंग मशीन बरामद की गई थी. मामले में आजम खान समेत उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और उनके दोस्त अनवार सालिम का नाम सामने आया था. जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और राजेश बिंदल की बेंच ने तथ्यों और कारावास की अवधि को ध्यान में रखते हुए जमानत दी है. इसी के साथ अपीलकर्ता यदि किसी भी शर्त का उल्लंघन करते हैं तो मामले में राज्य को जमानत रद्द करने की मांग करने की स्वतंत्रता भी दी गई है. मामले में बेंच ने कहा, ‘‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों जिसमें अपीलकर्ताओं की ओर से जेल में बिताई गई अवधि भी शामिल है, को ध्यान में रखते हुए हम आदेश को खारिज करने और अपीलकर्ताओं को जमानत देने के लिए तैयार हैं क्योंकि इस संबंध में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है.’’आजम खान और उनके बेटे ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 21 सितंबर के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. आजम खान, उनके बेटे और पांच अन्य के खिलाफ 2022 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सड़क साफ करने वाली मशीन चुरा ली थी, जिसे नगर पालिका परिषद, रामपुर जिले ने खरीदा था. यह भी आरोप लगाया गया था कि यह मशीन बाद में रामपुर स्थित खान के जौहर विश्वविद्यालय से बरामद की गई थी.
इलाहादबाद हाई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा
पीठ ने कहा, ‘‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों जिसमें अपीलकर्ताओं द्वारा जेल में बिताई गई अवधि भी शामिल है, को ध्यान में रखते हुए हम आदेश को खारिज करने एवं अपीलकर्ताओं को जमानत देने के लिए तैयार हैं क्योंकि इस संबंध में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है।” पीठ ने 10 फरवरी के अपने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए आदेश को रद्द किया जाता है और अपीलकर्ताओं को उन शर्तों व नियमों के अधीन जमानत प्रदान की जाती है, जो अधीनस्थ अदालत की संतुष्टि के अनुरूप हों।
मशीन चोरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
खान, उनके बेटे और पांच अन्य के खिलाफ 2022 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सड़क साफ करने वाली मशीन चुरा ली थी, जिसे नगर पालिका परिषद, रामपुर जिले ने खरीदा था। यह भी आरोप लगाया गया था कि यह मशीन बाद में रामपुर स्थित खान के जौहर विश्वविद्यालय से बरामद की गई थी। उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के बाद वकार अली खान नामक व्यक्ति ने 2022 में सात लोगों के खिलाफ कोतवाली, रामपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि खान एवं अन्य ने 2014 में सड़क साफ करने की सरकारी मशीन चुरा ली थी।