फर्जी सिम चलाने वालों की अब खैर नहीं… एक्शन मोड में सरकार

एक्शन में मोड में सरकार: अब उसने साफतौर पर कहा कि अगर कोई व्यक्ति फर्जी सिम के जरिये लोगों को चंगुल में फंसाने की कोशिश करता है या उसकी आईडी पर संदिग्ध एक्टिविटी पाई जाती हैं, तो उसे ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाएगा। एक बार ब्लैकलिस्ट होने के बाद वह देशभर में कहीं से भी नया सिम कार्ड नहीं खरीद पाएगा।

फर्जी सिम कार्ड और धोखाधड़ी वाले संदेशों के जरिए साइबर अपराध को अंजाम देने वालों की अब खैर नहीं. केंद्र सरकार ने ऐसे नंबरों, नाम को ब्लैकलिस्ट में डालना शुरू कर दिया है. इन गतिविधियों को अपराध के दायरे में रखा गया है. ऐसे मामलों में सिम खरीदने पर प्रतिबंध लगाने समेत मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा. साइबर सुरक्षा के मद्देनजर दूरसंचार कानून के तहत हाल ही में जारी नियमों के तहत यह कदम दूरसंचार विभाग ने उठाया है. ऐसे हर एक मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा. जवाब में उचित स्पष्टीकरण नहीं मिला तो छह महीने से तीन साल तक के लिए ऐसे व्यक्ति के सिम खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. जबकि कई बार ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

    1. दूरसंचार विभाग के मुताबिक, जिन मामलों में नोटिस जारी किया जाएगा उनकी निगरानी बहुत सख्ती से की जाएगी. केस टू केस बेसिस पर हरेक मामले पर कदम उठाया जाएगा. फर्जी सिम कार्ड और धोखाधड़ी वाले संदेश भेजने वालों को नोटिस के जवाब में वैसे तो सात दिन का वक्त दिया जाएगा, लेकिन उचित आशंका के आधार पर तत्काल कदम भी उठाया जा सकता है.
    2. दूरसंचार विभाग के मुताबिक, नियमों के तहत फर्जी सिम हासिल करना और फर्जी संदेश भेजना साइबर सुरक्षा को खतरे में डालना माना गया है. अगर कोई कई बार या आदतन अपराध के दायरे में आता है तो उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज होगा. नए साल में ब्लैकलिस्ट में दर्ज नामों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
    3. जनहित में उचित आशंका के आधार पर सरकार द्वारा बिना नोटिस के भी कदम उठाया जा सकता है. तत्काल कदम प्रथम दृष्टया कई बार फर्जी सिम खरीदने वालों या बार-बार कई नंबरों पर फर्जीवाड़े का संदेश भेजने वालों के खिलाफ उठाया जाएगा. ताकि वह किसी को निशाना बनाकर साइबर अपराध को अंजाम ना दे सकें.
    4. दूरसंचार विभाग के मुताबिक, जारी नियमों में सरकार ने इस प्रावधान को शामिल किया है, जिसमें रिपोजिटरी ऑफ पर्सन के तहत सूची तैयार की जा रही है. इसमें पूरी प्रक्रिया तय है और इसके जरिए साइबर अपराधियों के हथियार, जो फर्जी सिम होता है, उस पर पूरी तरह से अंकुश लगेगा.

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