समृद्धि न्यूज। प्रदेश में निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे पर भारतीय वायुसेना शुक्रवार को ऐतिहासिक ट्रायल करेगी। शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर बने 3.5 किमी0 लंबी हवाई पट्टी पर एयरफोर्स एयर शो में अपनी ताकत दिखाएगा। इस मिशन में वायुसेना के सबसे एडवांस फाइटर टेकऑफ और लैंड करेंगे।
राफेल, जगुआर, मिराज लैंडिंग और टेकऑफ करेंगे
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान से तनाव के बीच आज भारतीय वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिलेगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर राफेल, जगुआर, मिराज जैसे लड़ाकू विमान लैंडिंग और टेकऑफ करेंगे। आपात स्थिति में रनवे का इस्तेमाल किया जाएगा। भारत की सैन्य तैयारी देखकर इस्लामाबाद तक हडक़ंप मचा हुआ है।
अरब सागर में नेवी बरसा रही भयंकर बारुद
भारतीय नेवी अरब सागर में भयंकर बारूद बरसा रही है और ये सब पाकिस्तान से सिर्फ 85 नॉटिकल मील की दूरी पर हो रहा है। अरब सागर में भारतीय नेवी एक से बढक़र एक हथियार फायर कर रही है, जो अपने टारगेट को पलक झपकते ही ध्वस्त कर रहे हैं।् अरब सागर में भारतीय नेवी ने कुछ दिनों पहले ही मीडियम रेंज मिसाइल और एंटी शिप मिसाइल का सफल टेस्ट किया था और अब नेवी घातक हथियारों से विध्वंसक वॉर एक्सरसाइज़ कर रही है।
30 अप्रैल से 3 मई के बीच अरब सागर में 4 ग्रीन नोटिफिकेशन जारी किए
कुछ दिनों पहले भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा था कि भारतीय नेवी दुश्मन के खिलाफ किसी भी समय और कहीं भी तैयार है और अब उसकी ये तैयारी बता रही है कि वो समंदर के रास्ते दुश्मन का काल बनने के लिए भी तैयार है। भारत ने 30 अप्रैल से 3 मई के बीच अरब सागर में 4 ग्रीन नोटिफिकेशन जारी किए हैं। ये इलाका पाकिस्तान से 85 नॉटिकल मीर दूर है, जहां पाक नेवी भी युद्धाभ्यास कर रही है। इंडियन नेवी की एक्सरसाइज़ एक्सलूसिव इकॉनॉमिक जोन में हो रही है। इसके साथ ही इंटरनेशनल मैरिटाइम बाउंड्री पर नेवी के शिप तैनात कर दिए गए हैं।् इस युद्धाभ्यास के अलावा भी भारत ने एक और नोटम जारी किया है। ये नोटम 7 और 8 मई के लिए जारी किया गया है।
दो मिसाइलों का किया था सफल परीक्षण
इस नोटम की रेंज 390 किमी। रखी गई है यानी 390 किमी0 के इलाके में भारत मिसाइल टेस्ट कर सकता है। अब वापस आते हैं अरब सागर में चल रही नेवी के युद्धाभ्यास पर, कुछ दिन पहले ही नेवी ने 2 घातक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था। पहला था मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल, दूसरा हथियार था एंटी शिप मिसाइल, इन मिसाइलों से पश्चिमी प्रशांत महासागर का आसमान गूंज गया था। भारत की इन मिसाइलों के बारूद में दुश्मन के डर वाले सबूत हैं।