विधायक ने किया कौमुदी बुद्ध महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ

संकिसा, समृद्धि न्यूज। बौद्ध तीर्थ स्थल संकिसा में दो दिवसीय कार्तिक कौमुदी बुद्ध महोत्सव 59वां भगवान बुद्ध का स्वर्गवतरण समारोह मंगलवार को बौद्ध भिक्षु शीलरतन ने ध्वजारोहण कर शुरुआत की, इसके बाद कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के बच्चों की धम्म ज्ञान प्रतियोगिता हुई तथा अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य ने भगवान बुद्ध की मूर्ति पर मोमबत्ती पर अगरबत्ती लगाकर महोत्सव का उद्घाटन किया। बुधवार को 10:00 बजे सुबह पूजा वंदना, 10:30 बजे महिला सम्मेलन, दोपहर बाद 12:00 बजे धम्म सभा तथा शाम 4:15 बजे धम्मयात्रा बौद्ध स्तूप पर जाएगी। जहां पूजा वंदना का कार्यक्रम होगा। अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य ने कहा की संकिसा को हमारे पूर्वजों जो कि बौद्ध धर्मी थे दान में दिया था, इसलिए पहले हम लोग संकिसा का पानी भी नहीं पीते थे, ऐसी परंपरा थी। सभी बौद्ध कार्यक्रम इसी स्थान पर होते थे तथा इसी कुएं का पानी पीते थे, क्योंकि यह कुआं संकिसा गांव से बाहर है, यह पुरानी परंपरा समाप्त हो गई, बुद्ध मेला भी संकिसा में लगता है जहां लाखों की भीड़ होती है, यह कार्यक्रम भी धम्मालोको बुद्ध बिहार में ही होना चाहिए, जिसके लिए धम्मा लोको बुद्ध बिहार के संरक्षक कर्मवीर शाक्य ने हां कर दी, संकिसा के इतिहास के बारे में हम 1956 से स्वयं कार्यक्रम देख रहे हैं। बुद्ध का धम्म पूरे विश्व में बड़ा है रूस और चीन जैसा देश बुद्ध के धम्म को मानता है। विश्व में भगवान बुद्ध के धम्म कम होने के क्या कारण है, विचार करें कि चीन जैसे देश में बुद्ध का धम्म कम हुआ, क्योंकि कम्युनिस्ट की वजह से यह हुआ है। वह धम्म के विरोधी थे चीन में आज भी हर धम्म का विरोध है, रोगिंया का संघर्ष बुद्ध से है यह मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग हैं मैं नहीं मानता कि बुद्ध धर्म का संघर्ष हिंदू धर्म से है, हिंदुओं के मंदिरों में बुद्ध की मूर्तियां लगी है, पहले शिव की पूजा होती थी, या बुद्ध की प्रतिमा की होती थी, इस्लाम बुद्ध के विरोधी है, बुद्ध की मूर्तियों को इस्लाम धर्म के लोगों ने तोड़ने का काम किया है, मुगलों ने बुद्ध एवं अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा है, हिंदू धर्म का विरोध मुगलों ने किया है, मैं किसी धर्म का विरोध नहीं करता हूं, हम अपने जीवन को कैसे सफल बनाएं बुद्ध ने पंचशील बताए हैं, बुद्ध के पंचशीलों का जो पालन करेगा, वह जीवन में आगे बढ़ेगा बुद्ध के पंचशील से जीवन सुखद होगा, उन्होंने सभी को शपथ दिलाई की सभी लोग बुद्ध के राह पर चलकर अपने जीवन को सुखद बनाएं।

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