अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है-आचार्य कौशल किशोर

श्रीमद् भागवत कथा सुनने उमड़े भक्तगण
नवाबगंज, समृद्धि न्यूज।
व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। संत हिरदाराम नगर बरतल स्थित कलावती मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा की अमृतवर्षा करते हुए आचार्य पंडित कौशल किशोर त्रिपाठी ने यह बात कही। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए पंडित कौशल किशोर त्रिपाठी ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को कंस की कारागार में वासुदेव. देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। पंडित कौशल किशोर त्रिपाठी ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। भक्तों ने नाच कूदकर नंदोत्सव मनाया। इस अवसर पर ठाकुर रनवीर सिंह, रिंकल सिंह, मोहित सिंह, राघव दीक्षित सहित अनेक भक्तगण उपस्थित रहे।

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