नई दिल्ली। ऑपेरशन सिंदूर के बाद सैन्य टकराव को टालने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर पर बनी सहमति अभी कायम रहेगी।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंक पर प्रहार करते हुए भारत की तरफ से ऑपेरशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। दोनों देशों के बीच उपजे तनाव के बाद सैन्य टकराव को टालने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर पर सहमति बनी थी जो अभी कायम रहेगी। भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच पिछले सप्ताह सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति बनी थी। इसे लेकर भारतीय सेना ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में कह दिया है कि सीजफायर की कोई समाप्ति तिथि नहीं है, अगर सीजफायर का उल्लंघन हुआ तो मुश्किल होगी। भारतीय सेना ने रविवार को यह जानकारी दी।
भारतीय सेना ने कहा कि दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच रविवार को कोई बातचीत प्रस्तावित नहीं थी, मगर इस सीजफायर को किसी निर्धारित समयसीमा में नहीं बांधा गया है। सीजफायर जारी रहने की घोषणा से साफ है कि भारत सैन्य टकराव को स्थाई विराम देने की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर विश्वास बहाली के विकल्पों पर ठोक बजाकर कदम उठाना चाहता है।
सीजफायर की कोई एक्सपायरी डेट नहीं है
भारतीय सेना ने रविवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा, जहां तक 12 मई को डीजीएमओ की बातचीत में लिए गए निर्णय के अनुसार सीजफायर पर बनी सहमति का सवाल है, तो इसकी कोई समाप्ति तिथि नहीं है। रविवार को कोई डीजीएमओ वार्ता निर्धारित नहीं है, जैसा कि मीडिया में खबर दी गई है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी। चार दिनों तक चले तनाव के दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे के सैन्य प्रतिष्ठानों को ड्रोन, मिसाइलों और लंबी दूरी के हथियारों से निशाना बनाया था, जिससे व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी और फि दोनों देशों ने प्रभावी कदम उठाते हुए सीजफायर की घोषणा की थी।
भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को बेलाग बता दिया था कि उस पार से एक भी गोली चली तो सीजफायर को कायम रखना मुश्किल होगा। इस सख्त चेतावनी का ही असर है कि 10 मई के बाद एलओसी तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दोनों ओर से कोई भी गोलीबारी की खबर अब तक नहीं आयी है।