मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सभी एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह ही अस्पताल की व्यवस्था की जाए। ताकि सड़क दुर्घटना होने पर तत्काल लोगों को उपचार मिल सके। मंडलीय अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस की व्यवस्था मुकम्मल की जाए। एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे के किनारे शराब की दुकानें बिल्कुल न हो। शराब की दुकानों के साइनेज को छोटा करने का निर्देश दिया। वह रविवार को सरकारी आवास पर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में विभागों के मंत्री, शासन स्तर के अधिकारी, सभी मंडलों के मंडलायुक्त, सभी जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे. बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी एक्सप्रेस वे के दोनों और रेस्ट प्लाजा की तरह अस्पताल की भी व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एक्सप्रेस वे और हाईवे के किनारे पर कोई शराब की दुकान न उपलब्ध हो.
सड़क दुर्घटनाओं के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में 46052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. इसमें 34600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं, जो कि अत्यंत दुखद है. इसे हर हाल में न्यूनतम करना होगा. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करें. साथ ही प्रदेश के सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें ठीक कराएं.मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार के विषय में चिंता करते हुए कहा कि सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था करें. साथ ही सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस एवं ट्रेंड की स्टाफ को तैनाती भी सुनिश्चित की जाए.
सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जनपदों हुई दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 20 जनपदों- हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में जनहानि हुई है. प्रदेश में कुल हुई दुर्घटना मृत्यु में 42 प्रतिशत इन जनपदों से है. उन्होंने इसको नियंत्रित करने के लिए दुर्घटना के कारकों को खोजने एवं लोगों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया.
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि : वर्ष 2024 में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 34,600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मृत्यूदर को हर हाल में रोकने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर सामूहिक प्रयास करें। सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर आवश्यक कदम उठाए जाएं। सर्वाधिक दुर्घटना वाले 20 जिलों (हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर) में विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। जिला स्तर पर हर माह एवं मंडल स्तर पर तीन माह में अनिवार्य रूप से सड़क सुरक्षा समिति की बैठक करने के निर्देश दिए।
छह मंडल में सालभर में हु सिर्फ एक बैठक
प्रदेश में अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर एवं आगरा मंडल में पिछले वर्ष सिर्फ एक ही बैठक होने पर उन्होंने असंतोष जताते हुए नियमित बैठक करने का निर्देश दिया। साथ ही बस्ती, लखनऊ, गोरखपुर और मीरजापुर में हुई चार बैठकों पर संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 में जिला सड़क सुरक्षा समिति की कम संख्या में बैठक करने वाले जनपदों बलरामपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, चंदौली व जौनपुर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसी सप्ताह बैठक करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि: सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि जनपद स्तर पर प्रत्येक माह एवं मंडल स्तर पर त्रैमासिक मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से हो. उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह मंडलों अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर एवं आगरा मंडल में पिछले वर्ष सिर्फ एक ही बैठक हुई है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है. बस्ती, लखनऊ, गोरखपुर और मिर्जापुर में हुई चार बैठकों पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया.
मुख्यमंत्री: वर्ष 2024 में जिला सड़क सुरक्षा समिति की कम बैठक करने वाले जनपदों बलरामपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, चंदौली, व जौनपुर को निर्देशित करते हुए कहा कि इन जनपदों में इसी सप्ताह बैठक हो जानी चाहिए. उन्होंने 10 या उससे अधिक बैठक करने वाले 38 जनपदों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा जारी एसओपी के आधार पर ये जनपद भी जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित करें.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि: ओवर स्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइव, गलत साइड पर गाड़ी चलाना, जंपिंग रेड लाइट एवं मोबाइल फोन का उपयोग सड़क दुर्घटना घटित होने के मुख्य कारक हैं. इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग अपने स्कूलों एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को आयोजित कर जागरूकता फैलाए. साथ ही उन्होंने बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में ट्रैफिक के नियमों को जोड़ा जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि: एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे के किनारे शराब की दुकानें बिल्कुल न हो. उन्होंने कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि शराब की दुकानों के साइनेज बहुत बड़े होते हैं, इन्हें छोटा किया जाए. बिना परमिट की बसें सड़कों न चलने पाएं. डग्गामार वाहनों एवं ओवरलेडेड ट्रकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें. दूसरे प्रदेश से आने वाले बिना परमिट के वाहनों को बॉर्डर पर रोकें. सीएम योगी ने कहा कि ट्रासंपोर्ट एसोसिएशन एवं व्हीकल एसोसिएशन से संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित कराएं कि लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों.
डग्गामार और ओवरलोडिंग पर मुख्यमंत्री सख्त
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिना परमिट की बसें सड़कों पर किसी भी कीमत पर न चलने पाएं। डग्गामार वाहनों एवं ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें। दूसरे प्रदेश से आने वाले बिना परमिट के वाहनों को बॉर्डर पर रोकें। ट्रासंपोर्ट एसोसिएशन एवं व्हीकल एसोसिएशन से संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित कराएं कि लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों।